समकालीन जनमत

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कविता

प्रियंवदा की कविताएँ हिंदी कविता के आँचल में ग़ज़ल के फूल टाँकने का फ़न हैं

समकालीन जनमत
अजमल सिद्दीक़ी  प्रियंवदा के अब तक के साहित्यिक सफ़र को मैं ने बहुत क़रीब से देखा है , मैं इस सफ़र के हर उतार चढ़ाव...
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