आरा (बिहार). भाकपा-माले के दिवंगत महासचिव काॅ. विनोद मिश्र के 20 वें स्मृति दिवस पर 18 दिसम्बर को आरा में माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य ने क्रांति पार्क का लोकार्पण किया और उसे भोजपुर की जनता के नाम समर्पित किया.
क्रांति पार्क का सपना 1989 में सांसद बने सामंतवाद विरोधी संघर्षों के नायक रामेश्वर प्रसाद का था. वह भोजपुर में गरीबों के आंदोलन के नेताओं का स्मारक बनवाना चाहते थे. उन्होंने इसके लिए सरकार से जमीन मांगी. जमीन तो मिल गई लेकिन यह एक तालाब के रूप में मिली जिसे 20 वर्ष में जनता के सहयोग से लाखों रुपए खर्च कर इसे भरा गया और इसे पार्क का रूप दिया.
दस दिसम्बर 1998 को भोजपुर आंदोलन के शिल्पकार का. जगदीश प्रसाद (मास्टर साहब) के स्मृति दिवस पर, उनके अभिन्न साथी और सामाजिक बदलाव के महानायक बन चुके, सहार विधानसभा क्षेत्र के सामंती किले को फतह करनेवाले कामरेड रामनरेश राम ने स्मारक-स्थल का शिलान्यास किया.
यह क्रांति पार्क भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा में पटना-बक्सर-डेहरीऑनसोन मुख्य मार्ग पर स्थित है. उसकी दक्षिणी दीवार से पूरब की ओर ढुलता हुआ 16 फीट चौड़े रास्ते से पश्चिम चलकर सौ गज की दूरी पर बायीं ओर पार्क का ऊंचा-चौड़ा प्रवेश द्वार है। ठीक सामने 16 फीट लम्बे, 6 फीट चौड़े और 4 फीट ऊंचे चबूतरे पर बाएं-दांये (पूरब-पश्चिम) क्रम में साढ़े तीन फीट ऊंचे पांच स्तम्भों पर का. जगदीश प्रसाद (मास्टर साहब), का. रामेश्वर यादव (साधु जी), का. रामनरेश राम (पारस जी), का. सुब्रत दत्त (जौहर जी) और का. विनोद मिश्र (राजू जी) की ढाई-ढाई फीट ऊंची मूर्तियां स्थापित की गई हैं. स्मारक के पीछे क्रांति पार्क की दक्षिणी दीवार है, स्मारक का बैकड्रॉप रचती हुई, 36 फीट लम्बी और पार्क की सतह से 16 फीट ऊंची।
मूर्तियाँ बनारस में कला कम्यून के कामरेड विनीत की देखरेख में बनी हैं. विनीत और उनके सहयोगियों ने एक महीने की कड़ी मेहनत से मूर्तियों को बनाया.
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