उच्चतम न्यायालय में केंद्र सरकार के सबसे बड़े वकील यानि अटॉर्नी जनरल ने कहा कि रक्षा मंत्रालय से रॉफेल के दस्तावेज़ चोरी हो गए !
कुछ सवाल हैं, सवाल पूछने को देश विरोधी कृत्य बताए जाने के बावजूद, सवाल तो हैं,पूछे भी जाएंगे
ही –
1.फ़ाइल यदि चोरी हुई तो क्या उसकी कोई रिपोर्ट आदि भी दर्ज हुई कहीं या फिर सरकार इंतजार कर रही थी कि सुप्रीम कोर्ट सवाल करे तो वो कह दें कि फ़ाइल तो चोरी हो गयी,इसलिए जवाब कहाँ से दें ! न रहेगी फ़ाइल,न देने पड़ेंगे जवाब !
2.पूरे देश को डिजिटल इंडिया और पेपरलेस कामकाज की घुट्टी पिलाने वाली केंद्र सरकार,देश के इतने महत्वपूर्ण सौदे का सारा विवरण फाइलों में ही रखे हुए थी,उसका कोई डिजिटल डेटा नहीं है, डिजिटल इंडिया का झंडा उठाने वालों के पास?
3.डील पर सवाल उठाए जाने पर विदेशी मुल्क सौदा करने से हिचक सकते हैं, यह तर्क काफी दिनों से चल रहा है.तो क्या सौदे की पूरी फ़ाइल के रक्षा मंत्रालय से लापता हो जाने से दूसरे देश हर्ष ध्वनि करेंगे कि इनके साथ कैसा भी सौदा किया जा सकता है क्योंकि फ़ाइल इनके यहां चोरी हो जानी है !न शर्तों का पता चलेगा,न सौदे के मनमानेपन का खुलासा होगा !
ऐसा भी मुमकिन है,( जी हां वो ही वाला मुमकिन,जो अब तक नामुमकिन था) कि विदेशी मुल्क यह शर्त रख दें कि सौदा हम तभी करेंगे,जबकि हमारी भी फाइल को भी “रॉफेल ट्रीटमेंट” मिले !
4.सबसे अहम सवाल यह कि रक्षा मंत्रालय में से एक ऐसी फाइल चोरी हो गयी,जिसके दस्तावेजों को सरकार अतिगोपनीय बताती रही है. तो क्या अति गोपनीय श्रेणी की फाइल, किसी मेज पर रखी हुई थी कि कोई भी घूमता-टहलता आया,मेज पर से फाइल उठायी और चलता बना?क्या रक्षा मंत्रालय ऐसी जगह है, जहाँ कोई भी चोर-उठाईगीर आ सकता है, घूम फिर सकता है और अतिगोपनीय श्रेणी की फाइल उठा कर नौ-दो ग्यारह हो सकता है?जिस सौदे की जानकारी संसद को भी देने से बचा जा रहा था,उस सौदे के दस्तावेज ऐसी ही खुले रखे हुए थे कि कोई भी उठा कर चलता बना ?
सबसे अहम सवाल यह है कि यदि देश की रक्षा के लिए जिम्मेदार मंत्रालय में यदि एक अहम सौदे की फाइल तक सुरक्षित नहीं है तो यह मंत्रालय क्या खाक देश की रक्षा करेगा ? सीमाओं पर सैनिक मारे जा रहे हैं और रक्षा मंत्रालय से महत्वपूर्ण रक्षा सौदे की फाइल चोरी हो रही है. फिर वो हाथ कहाँ हैं, जिनमें देश के सुरक्षित होने का दावा प्रधानमंत्री जी कर रहे थे ?
7 comments
Comments are closed.