रांची . झारखंड के 20 सामाजिक कार्यकर्ताओं पर लगाए गए देशद्रोह के केस के खिलाफ वरिष्ठ लेखकों, बुद्धिजीवियों व सांस्कृतिक -सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने 10 अगस्त को शहीद स्मारक पर नागरिक प्रतिवाद ( बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे) कार्यक्रम आयोजित किया.
प्रतिवाद का नेतृत्व जाने-माने अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज़ , वरिष्ठ लेखक रविभूषण , चर्चित फिल्मकार मेघनाथ , वरिष्ठ पत्रकार किसलय के अलावे जनवादी लेखक संघ के एम. जेड खान, जसम के जेवियर कुजूर , जेम्स हेरेंज ( संयोजक झारखण्ड नरेगा वाच ), विद्याधर ( भारतीय परिवर्तन मोर्चा ) , आशीष कुमार ठाकुर ( दलित -आदिवासी दुनिया , पत्रिका ) तथा झारखण्ड जन संस्कृति मंच के अनिल अंशुमन इत्यादि ने किया .
इस अवसर पर वक्ताओं ने सभी 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर से ” देशद्रोह ” का मुकदमा अविलम्ब हटाने की मांग करते हुए कहा कि लोकतान्त्रिक ढंग से चुनी गयी सरकार, उससे असहमति रखनेवाले या विरोध करने वालों पर देशद्रोह जैसा आरोप लगाती है तो यह लोकतंत्र का खुला उल्लंघन है और इसे हर हाल में रोका जाना चाहिए. हाल के वर्षों में ये देखा जा रहा है कि जो लोग इस सरकार या इसके नेताओं की गलत नीतियों व कार्यों का विरोध करते हैं तो फ़ौरन उन पर राष्ट्रविरोधी या देशद्रोही होने का आरोप/ केस थोप दिया जा रहा है. यह हमारे लोकतंत्र में ” अभिव्यक्ति और बोलने की आजादी ” का सरासर उल्लंघन है जिसका विरोध होगा ही.
कार्यक्रम से यह भी तय किया गया कि यदि सरकार ” देशद्रोह ” का मुकदमा नही हटाएगी तो नागरिक समाज इस सवाल पर व्यापक प्रतिवाद के लिए जनता के बीच जाएगा और जन दबाव खड़ा कर आम जन के लोकतांत्रिक अधिकारों की आवाज़ बुलंद करेगा .
नागरिक प्रतिवाद कार्यक्रम में झारखंडी भाषा के शोध छात्र छोटू महतो , झामस के सुदामा खालको , युवा सामाजिक कार्यकर्ता आकाश , जलेस के अनिल ठाकुर मो. खालिक समेत कई अन्य लोगों ने भाग लिया .
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