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सोनभद्र नरसंहार के विरुद्ध आइसा का विरोध- प्रदर्शन

20 जुलाई 2019, प्रयागराज । सोनभद्र के मूर्तिया ग्राम पंचायत के उम्भा गांव में हुए निर्दोष आदिवासियों के सामूहिक नरसंहार के विरुद्ध ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा ) ने बालसन चौराहा स्थित गांधी प्रतिमा पर आक्रोश पूर्ण विरोध – प्रदर्शन कर नरसंहार की कड़ी निंदा व भर्त्सना किया।
विरोध- प्रदर्शन सभा को सम्बोधित करते हुए आइसा के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश पासवान ने कहा कि यह मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। भाजपा सरकार ने प्रदेश में दबंगों, सामन्तों, उन्मादी लोगों की फौज खड़ी कर जंगल राज बना दिया है । इस नरसंहार की भारी कीमत भाजपा को चुकानी पड़ेगी । पीड़ित परिवारों को 25 लाख का मुआवजा व सरकारी नौकरी की मांग करते हुए उन्होंने नरसंहार में शामिल अपराधियों व अधिकारियों पर रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की ।

आइसा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अंतस सर्वानंद ने घटना की भत्सर्ना करते हुए कहा कि छात्रों के बीच व्यापक आक्रोश है और छात्रों की मांग है कि सोनभद्र के डीएम एसपी समेत सभी दोषी अधिकरियों को बर्खास्त किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटना दुहरायी न जा सके ।
मुख्य अतिथि भाकपा माले के जालौन से संसदीय प्रत्याशी कॉमरेड राम सिंह ने कहा कि ये मध्ययुग की दो रियासतों के बीच वर्चस्व की लड़ाई का नतीजा नहीं है बल्कि आज के “मजबूत” भारत की हक़ीक़त है. सोनभद्र UP में दिन दहाड़े जमीन पर कब्जे के लिए 10 आदिवासियों का नरसंहार कर दिया जाता है और विडम्बना यह है कि जिस घटना पर राष्ट्रीय शर्म होना चाहिए उस पर कोई मामूली बहस तक भी नहींं हो रही ।

इंक़लाबी नौजवान सभा (इनौस) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य ने कहा कि ये कोई “जमीन विवाद में दो पक्षों में हिंसा ” जैसी चीज नहीं है बल्कि आदिवासियों की जमीन को हड़पने के लिए किया गया उनका नरसंहार है । कभी नक्सल के नाम पर तो कभी माओवादी के नाम पर उनका नरसंहार किया जाता रहा है । जबकि दबंग, सामंती और मॉब  लिंचिंग करने वाले हत्यारे सरकार के सरंक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं ।

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