बांदा. प्रख्यात उपन्यासकार एवं कथाकार मधु कांकरिया को आज एक समारोह में मुंशी प्रेमचन्द्र स्मृति कथा सम्मान से सम्मानित किया गया ।
यहां हारपर क्लब में साहित्यिक संस्था शबरी द्वारा कथा सम्मान और केदार व्याख्यान आयोजित किया गया था । कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. रंजना सैराहा ने की. प्रख्यात लेखिका, उपन्यासकार और कथाकार मृदुला गर्ग मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहीं. दिविवि के प्रोफेसर और प्रख्यात आलोचक आशुतोष कुमार विशिष्ट अतिथि रहे.
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रेमचन्द की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. कार्यक्रम का संचालन डा. शशिभूषण मिश्र ने किया.
शबरी संस्था की ओर से पुरस्कार के संयोजक मयंक खरे ने इस सम्मान की रूपरेखा प्रस्तुत की और कहा कि यह सम्मान बांदा में अपनी प्रगतिशील परंपरा को सुरक्षित करने के लिए तथा बांदा में साहित्यिक गतिविधियों को बनाए रखने के लिए 2007 में स्थापित किया गया था.
इस अवसर पर मृदुला गर्ग ने मधु कांकरिया को शाल व प्रतीक चिन्ह तथा रंजना सैराहा ने प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया. इसी मौके पर शांति देवी खरे के नवीन कहानी संग्रह ” मन वृंदावन” का लोकार्पण हुआ.
मधु कांकरिया के रचनाकर्म पर अपने वक्तव्य में मृदुला गर्ग ने कहा कि मधु कांकरिया में जितनी बौद्धिकता है, उतना ही गहरा सामयिक दायित्व बोध भी है. मधु हमारे समय की बड़ी कथाकार हैं.
अपने लेखकीय वक्तव्य में मधु कांकरिया ने कहा कि आज सवाल उठाने पर देशद्रोही करार दिया जा रहा है जबकि हमारी परंपरा वाद विवाद की रही है. हमें अपनी लेखकीय आजादी बचाकर रखनी होगी.
अपने अध्यक्षीय भाषण में डा. रंजना सैराहा कि हमारी संस्था प्रेमचंद स्मृति सम्मान हमेशा देती रहेगी क्योंकि प्रेम चन्द वंचित तबके के लेखक थे.
इस अवसर पर बांदा के लेखक, बुद्धिजीवी , पत्रकार और प्रबुद्ध नागरिक भी मौजूद रहे. प्रमुख लोगों में डा. रामगोपाल गुप्ता, डा. बाबूलाल गुप्ता , उमाशंकर परमार, नरेन्द्र पुण्डरीक, अंकिता तिवारी, प्रदीप निगम लाला, प्रेमसिंह , अरुण खरे, नाथू राम लश्करी, डा. रामचंद्र सरस,अशोक त्रिपाठी जीतू, अनिल शर्मा, संजय निगम अकेला, डा. प्रमोद सैराहा ,डा. डी सी श्रीवास्तव, राजकुमार राज, सीरजध्वज सिंह, अर्जुन सिंह परिहार, वासिफ जमां, एवं रामप्रताप शुक्ल व दीनदयाल सोनी शामिल है. चंद्र पाल कश्यप ने अंत में आभार जताया.
3 comments
Comments are closed.