समकालीन जनमत
साहित्य-संस्कृति

पटना में फुटपाथ दुकानदारों के बीच मनाया गया महेश्वर का स्मृति दिवस

पटना।  जन सांस्कृतिक आन्दोलन के अगुआ एवं जन संस्कृति मंच के पूर्व राष्ट्रिय महासचिव महेश्वर का तीसवां स्मृति दिवस पटना के फुटपाथ दुकानदारों के बीच उनके आन्दोलन को समर्थन देते हुए मनाया गया। इस मौके पर आम जन और वंचितों के पक्ष में महेश्वर द्वारा लिखे गए जनगीतों की प्रस्तुति करते हुए पटना स्टेशन क्षेत्र के फुटपाथ दुकानदारों के सवालों-संघर्षों के प्रति एकजुटता जाहिर की.

यह आयोजन जन संस्कृति मंच की पटना इकाई द्वारा पटना जीपीओ स्थित फुटपाथ दुकानदारों के संघर्ष स्थल पर किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत, डा. महेश्वर की तस्वीर पर माल्यर्पण और उन्हें श्रद्धांजलि देकर की गयी। जसम पटना के कलाकारों राजन, प्रमोद, पुनीत एवं अनिल ने महेश्वर लिखित जनगीत प्रस्तुत किए। इस मौके पर उपस्थित महेश्वर के सहकर्मी रहे भाकपा माले के विधायक महानंद प्रसाद (अरवल) और गोपाल रविदास (फुलवारी शरीफ़) तथा बिहार विधान परिषद् सदस्य शशि यादव  ने महेश्वर द्वारा आमजन और वंचित समुदायों के प्रति उनके संघर्षमय व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए संस्कृतिकर्मियों से वंचित समुदायों के पक्ष में अपने गीत-संगीत, नाटक के साथ खड़े होने की अपील की।

डा. महेश्वर के जनपक्षीय और आन्दोलनकारी व्यक्तित्व-कृतित्व की चर्चा करते हुए वरिष्ठ जन संस्कृतिकर्मी अनिल अंशुमन ने कहा कि आज ज़रूरत संस्कृतिकर्म को मुखरता के साथ आम जन के सवालों के साथ खड़े होने की है। सत्ता अनुदानों पर निर्भर होकर कोई सांस्कृतिक आंदोलन नहीं खड़ा किया जा सकता।

कार्यक्रम को समकालीन लोकयुद्ध पत्रिका के संतलाल, पटना विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर शोभन चक्रवर्ती, वरिष्ठ जनसंस्कृतिकर्मी प्रमोद यादव, एक्टू नेता रणविजय व भाकपा माले के जितेन्द्र कुमार ने भी संबोधित किया।

फुटपाथ दुकानदारों के नेता मो. शहजाद ने सभी का स्वागत करते हुए फुटपाथ दुकानदारों की समस्याएं बतायीं।

अध्यक्षता कर रहे जसम पटना इकाई अध्यक्ष ग़ालिब ने कहा कि जन संस्कृति मंच आनेवाले समय में जनता के साथ साथ फुटपाथ दुकानदार जैसे उपेक्षितों के अधिकारों के पक्ष में भी सांस्कृतिक अभियान चलाएगा।

कार्यक्रम का संचालन युवा संस्कृतिकर्मी एवं जसम पटना के सह सचिव पुनीत ने किया।

Related posts

Fearlessly expressing peoples opinion