पटना. सीएए-एनआरसी व एनपीआर तथा ईवीएम के खिलाफ बहुजन क्रांति मोर्चा द्वारा आज 29 जनवरी को आहुत भारत बंद के समर्थन में वाम दलों ने राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया. राजधानी पटना में भाकपा-माले, सीपीआई-एम और सीपीआई के कार्यकर्ताओं ने बुद्धा स्मृति पार्क से मार्च निकाला और डाकबंगला चौराहे को जाम कर दिया.
डाक बंगला चौराहा के एक छोर को बंद समर्थकों के इस जत्थे ने जाम कर दिया. अन्य छोरों के दूसरे जत्थे पहले से ही जाम किए हुए थे. वहां पर बंद समर्थक शांतिपूण तरीके से अपनी बात कह ही रहे थे कि पुलिस ने आइसा नेता संतोष आर्या पर लाठी चला दी और उनकी बर्बर तरीके से पिटाई की गई. विरोध करने पर पुलिस और उग्र हो गई और उसने धक्कामुक्की करनी शुरू कर दी. इस धक्कामुक्की में इनौस नेता सुधीर कुमार सहित कई लोग घायल हो गये. डाकबंगला चौराहा पर सीपीआई के अन्य नेतागण भी उपस्थित थे.
मार्च का नेतृत्व भाकपा-माले पोलित ब्यूरो के सदस्य काॅ. धीरेन्द्र झा व अभ्युदय, सीपीआईएम के केंद्रीय कमिटी के सदस्य अरूण मिश्रा, मनोज चंद्रवंशी, गणेश शंकर सिंह तथा सीपीआई के इरफान अहमद ने की. इन नेताओं के अलावा माले की की राज्य कमिटी सदस्य उमेश सिंह, मुर्तजा अली, जितेन्द्र कुमार, नसीम अंसारी, इनौस नेता सुधीर कुमार, विनय कुमार, अजय कुमार, आइसा नेता संतोष आर्या आदि शामिल थे.
माले पोलित ब्यूरो सदस्य धीरेन्द्र झा ने कहा कि पुलिस दमन से ये आंदेालन रुकने वाले नहीं है. आज इसका चौतरफा विस्तार हो रहा है. नीतीश जी बिहार की जनता को भरमाना बंद करें. वे यह बताएं कि यदि एनपीआर पर उन्हें आपत्ति है, तो उन्होंने उसे लागू करने का नोटिफिकेशन क्यों जारी कर दिया? आगे कहा कि शरजील इमाम की बातों से हम सहमत नहीं है, लेकिन यह एकतरफा कार्रवाई है. आखिर अमित शाह, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा जैसे लोगों और पूरे संघ गिरोह पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है, जो दिन-रात देश के संविधान का मजाक उड़ा रहे हैं.
सीपीआईएम नेता अरूण मिश्रा ने अपने वक्तव्य में कहा कि केरल की तर्ज पर बिहार विधानसभा से इन काले कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लिए जाने की मांग पर हमारी लड़ाई जारी है. नीतीश कुमार इधर-उधर की बात करने की बजाए इन काले कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करें.
वाम नेताओं ने डाकबंगला चौराहे पर बंद समर्थकों पर लाठीचार्ज की घटना की निंदा की.
दरभंगा में आज बंद के समर्थन में माले कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला और पंडासराय गुमटी पर सड़क जाम कर सभा आयोजित की. बेतिया में माले नेता वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता के नेतृत्व में बंद के समर्थन में मार्च निकला. पूर्वी चंपारण में सुगौली में आम नागरिकों द्वारा भारत-नेपाल को जोड़ने वाली अंतराष्ट्रीय सड़क को तीन घंटे तक के लिए जाम किया गया.
मुजफ्फरपुर शहर में भारत बंद के दौरान भाकपा-माले व इंसाफ मंच के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला. बेनीबाद-गायघाट 57 पर जितेन्द्र यादव व इनौस नेता विवेक कुमार के नेतृत्व में जाम किया गया. कटिहार शहर में भाकपा-माले विधायक महबूब आलम ने बंद का नेतृत्व किया. अरवल में माले जिला सचिव महानंद, उपेन्द्र पासवान, रविन्द्र यादव आदि नेताओं ने बंद का नेतृत्व किया. भोजपुर में माले के केंद्रीय कमिटी सदस्य राजू यादव, मनोज मंजिल, विधायक सुदामा प्रसाद आदि नेता बंद के समर्थन में सड़क पर उतरे. सुपौल, जहानाबाद, सिवान, भागलपुर, नालंदा, नवादा, गया आदि जगहों पर भी माले कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में सड़क पर उतरकर मार्च किया.