लखनऊ, 7 जुलाई. जन संस्कृति मंच ने अवाम के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व उपकुलपति प्रो रूपरेखा वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश की कड़ी निंदा की है और लोकतांत्रिक संगठनों, नागरिक समाज, अभिभावकों, बौद्धिकों व नागरिकों से इस घटना का विरोध करने और प्रो रूपरेखा वर्मा के साथ एकजुटता की अपील की है.
जन संस्कृति मंच, उत्तर प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर जारी बयान में कहा है कि लखनऊ विवि की पूर्व उपकुलपति प्रो रूपरेखा वर्मा को प्रदेश सरकार द्वारा प्रताडि़त किया जा रहा है , इसलिए कि वे समाज के उन बौद्धिकों और जनतांत्रिक लोगों में शामिल हैं जिन्होंने पूजा शुक्ला व अन्य छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने का विरोध किया और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन और लोकतांत्रिक मांगों का समर्थन किया।
बयान में कहा गया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति के कामकाज का तरीका संघी कार्यकर्ता जैसा है और ऐसा ही उनका व्यवहार है, अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण जिसका छात्रों द्वारा और नागरिक समाज द्वारा विरोध किया गया है और मांग की गई है कि विवि में शैक्षणिक व लोकतांत्रिक माहौल बनाया जाय। छा़त्र-छात्राओं के कैरियर के साथ खिलवाड़ न किया जाय.
कोर्ट और चांसलर को यदि संज्ञान में लेना था तो सबसे पहले वीसी के कामकाज को लेना था, उसकी जांच की जानी चाहिए, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए जिसने छात्रों के जीवन व कैरियर को नष्ट करने और विवि के माहौल को खराब करने का काम किया है. साथ ही, 5 जुलाई को हुई घटना जिसमें वीसी की संलिप्तता व प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष भूमिका की जांच की जानी चाहिए लेकिन इसके उल्टे पूर्व उपकुलपति तथा अवाम के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली प्रो रूपरेखा वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया. इस संबंध में राजभवन से लेकर कोर्ट तक की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं. शासन व प्रशासन की यह कार्रवाई लोकतांत्रिक आवाज को कुचलना है। यह इंसाफ और लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वालों का दमन-उत्पीड़न है, उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश है.
जन संस्कृति मंच इस फासिस्ट कार्रवाई का पुरजोर विरोध करता है। प्रो वर्मा ने जिस तरह इस प्रसंग पर अपना पक्ष रखा है और इंसाफ व लोकतांत्रिक अधिकरों के संघर्ष के प्रति अपना समर्थन दिया है, उसका स्वागत है. जन संस्कृति मंच लोकतांत्रिक संगठनों, नागरिक समाज, अभिभावकों, बौद्धिकों और नागरिकों से इस घटना का विरोध करने और प्रो रूपरेखा वर्मा के साथ एकजुटता की अपील करता है.
जन संस्कृति मंच ने अवाम के लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली लखनऊ विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो रूपरेखा वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश की कड़ी निंदा की है और लोकतांत्रिक संगठनों, नागरिक समाज, अभिभावकों, बौद्धिकों व नागरिकों से इस घटना का विरोध करने और प्रो रूपरेखा वर्मा के साथ एकजुटता की अपील की है.
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