पटना। जन आंदोलनो का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) ने 24 दिसम्बर को बेतिया जिले के नौतन प्रखण्ड, थाना जगदीशपुर के नकटी पटेरवा में पर्चाधारी महिलाओं पर गोली चलाए जाने की घटना की तीव्र भर्त्सना करते हुए दोषियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एनएपीएम) बिहार के उदय, ग़ालिब, शाहिद कमाल, रामशरण, आशीष रंजन, शांति रमन, किरण देव यादव, कामायनी स्वामी, काशिफ युनूस, उदयन, संदीप यादव, नीरज, विद्याकर, रजनीश,विनोद कुमार, जितेंद्र पासवान, शिवनारायण व महेंद्र यादव द्वारा जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस घटना के मूल में भू हदबंदी अधिनियम के अन्तर्गत अधिशेष घोषित की जा चुकी पूरा मामला यह है कि यह जमीन है। इस जमीन का का पर्चा बिहार सरकार ने भूमिहिनों को दिया था।। कब्जा भी मिला। भूधारी (पूर्व जमींदार ) समाहर्ता कोर्ट , राजस्व पर्षद और बीएलटी में अपना मुकदमा हार चुके हैं। अब उनकी पत्नी ने पटना हाईकोर्ट में केस किया है। जब तक सिलिंग केस का अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक पर्चाधारी वाद में संलिप्त ( 524 एकड ) भूमि की सुरक्षा करना चाहते हैं और भूधारी उसका पजेशन बेचता जा रहा है। संघर्ष का मूल यही है।
बिहार भूमि सुधार ( अधिकतम सीमा व अधिशेष भूमि अर्जन ) अधिनियम 1961 के अन्तर्गत भू-हदबंदी के वाद 1973 -74 से चल रहे हैं। हाईकोर्ट ने भूधारी का पजेशन बनाये रखने का जिम्मा कलक्टर को दिया है परन्तु जब भूधारी ही अपने पोजेशन की भूमि ट्रांसफर कर रहे है, बेच रहे है, उस पर घर बन रहा है तब उसे रोकने की मांग करने पर कलक्टर मौन हैं। इस हालत में पर्चाधारी सिलिंग वाद में संलिप्त भूमि पर बन रहे घरों के अवैध निर्माण व भूमि की अवैध बिक्री का विरोध कर रह हैं तो भूधारी नकटी ( नौतन) में गोली चला रहे हैं और योगापट्टी थाना में केस कर रहे हैं। गरीब पर्चाधारी को जेल भेजा जा रहा है। पर्चाधारियों के दबाव से वह भूमि परती है।
विवादित भूमि पर ट्रेक्टर लेकर भूधारी गुंडों के साथ हरबे हथियार से लैस होकर उक्त परती पड़ी जमीन को जोतने लगे। ट्रेक्टर चलता देखकर निहत्थी महिलाएं वहां गयीं जिनपर गाली-गलौज करते हुए अपराधियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी जिसमें 5 महिलओं को गोली लगी है। एक गम्भीर रूप से घायल है। सात पर एफआईआर दर्ज हुआ है पर अभी तक एक की गिरफ्तारी हुई है। सभी नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर तत्काल कठोर कार्रवाई होनी चाहिए ।
एनएपीएम ने कहा कि इस मामले में राजस्व अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस प्रशासन की शिथिलता व मिलीभगत जिम्मेदार है। इसलिए इस मामले में जाँच कराकर दोषी अधिकारियों व पुलिस प्रशासन के लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए। एनएपीएम यह भी मांग करता है कि सरकार पहल लेकर उलझाए गए मुकदमों में से भू धारियों को मुक्ति दिलाते हुए जमीन दिलाए। इस तरह का विशेष अभियान भी संचालित करे। एनएपीएम घायल महिलाओं का सरकारी खर्च पर इलाज कराने के साथ ही उन्हें क्षतिपूर्ति/ हर्जाना देने की भी मांग की है।