मऊ। अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव रहे जाने माने वाम नेता कॉमरेड अतुल कुमार अंजान की स्मृति में आज राहुल सांकृत्यायन सृजनपीठ, भुजौटी के सभागार में ‘ गहराता कृषि संकट : जनमानस के समक्ष चुनौतियां ‘ विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर डॉ.जयप्रकाश ‘धूमकेतु ‘ द्वारा संपादित पत्रिका “ अभिनव कदम “ के दो खण्डों में प्रकाशित किसान विशेषांक का लोकार्पण किया गया।
विचार गोष्ठी की शुरुआत कॉ. अतुल अंजान के चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित कर हुई। कार्यक्रम में उपस्थित अतुल अंजान की बहन किरन सिंह को शाल ओढ़ाकर अर्चना उपाध्याय जी ने सम्मानित किया।
गोष्ठी में आधार व्यक्त वक्तव्य देते हुए अखिल भारतीय किसान महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने कहा कि भारतीय किसान आन्दोलन ने विश्व भर के किसानों को एकजुट करने का काम किया। उसका परिणाम यह हुआ कि सरकार को तीनों काले कानूनों को वापस लेना पड़ा। शुरु से ही किसानों के समक्ष गहराती समस्याओं से उबारने के लिए सरकारों द्वारा किए गए प्रयास केवल छलावा थे। वर्तमान में किसानों के सामने बड़ी कठिन चुनौती है। किसानों की अपेक्षा कार्पोरेट घरानों को फलने-फूलने का भरपूर मौका दिया जा रहा है। आज किसानों पर 21 लाख करोड़ की कर्जदारी है । एक दुश्चक्र चलाकर किसानों से उनकी जमीनें छीनी जा रही है और ये सब काम विकास के नाम पर किया जा रहा है।
इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने कहा कि किसान सिर्फ़ किसान होता है।उसे जाति, धर्म या प्रांत जैसी किसी सीमा में बांधा नहीं जा सकता। किसानों पर संकट सभ्यता पर संकट है।
बिहार किसान सभा के महामंत्री अशोक ने अपने वक्तव्य में कहा कि देश में किसानों की समस्याओं की लड़ाई लड़ने वालों का जब भी नाम लिखा जायेगा तो उसमें कॉमरेड अतुल कुमार अंजान का नाम स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। \
कॉमरेड अतुल कुमार अंजान की बहन किरन सिंह ने रुंधे हुए गले से कहा कि कॉमरेड अतुल अंजान आख़िरी सांस तक देश और किसानों की ही फिक्र करते रहे। इसलिए आप सभी की जिम्मेदारी है उनके सपनों को मिटने न दें और उन्हें साकार करने के लिए संघर्ष करना जारी रखें।
किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुनीलम ने कहा कि अपने अधिकारों की लड़ाई में हमें हिंसा का सहारा नहीं लेना होगा और महात्मा गांधी के अहिंसा के मार्ग को अपनाना होगा।
अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव बादल सरोज ने अपने वक्तव्य में कहा कि कॉमरेड अतुल कुमार अंजान जैसे व्यक्ति विरले ही होते हैं। उनका जाना हमारे लिए अपूरणीय क्षति है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे काराकाट (बिहार) के भाकपा माले के सांसद एवं अखिल भारतीय किसान महासभा के महासचिव राजाराम सिंह ने कॉमरेड अतुल कुमार अंजान को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज किसान भुखमरी और कर्ज़ के बोझ से दबकर आत्महत्या कर रहे हैं लें हुक्मरान उनकी चिंता न कर पूंजीपतियों का क़र्ज़ माफ़ करने में लगे हैं। ऐसे वक्त में कॉमरेड अतुल कुमार अंजान के दिखाए गए संघर्ष के रास्ते की अहमियत बहुत बढ़ जाती है।
अतिथियों का स्वागत डॉ.जयप्रकाश धूमकेतु ने किया। कार्यक्रम का संचालन ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा और धन्यवाद ज्ञापन जन संस्कृति मंच, मऊ के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने किया।आँचल व जाह्नवी ने ‘ अपने लिए जिए तो क्या जिए, जी ये दिल तू जमाने के लिए ‘ गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर अब्दुल अज़ीम खां, रामकुमार भारती, रामजी सिंह, ओम प्रकाश सिंह, विरेंद्र कुमार, हेसमुद्दीन, गुफरान,राम नारायण सिंह, मदनलाल श्रीवास्तव, टेल्हूराम, रामप्रवेश यादव, बसंत कुमार, श्रीराम चौधरी, लक्ष्मण यादव, डॉक्टर सरफराज़ , ऋषिकेश पांडेय, मुस्तफा, कैलाश सिंह, अखिलेंद्र, जयराम, मनोज, मुशीर, जलीस, बृजेश, डॉक्टर शकील, अरविंद मूर्ति, साधू यादव, शन्नु आज़मी, महेंद्र, कुद्दुस, ओमप्रकाश, राजकिशोर, राघवेंद्र, रामभवन, फराज़, बृजेश यादव आदि उपस्थित रहे।