रायबरेली। अखिल भारतीय किसान महासभा के कार्यकर्ताओ ने 5 मार्च को कर्ज के जाल में फसं कर आत्महत्या करने वाले किसान अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और कर्ज वसूली के लिए दबाव बनाने वालों पर कार्यवाही सहित किसान को कर्ज माफी व परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा देने की मांग उठाई।
किसान महासभा के प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले नेता कामरेड विजय विद्रोही ने कहा अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों का परिणाम है। डीजल -खाद-बीज के दाम रोज बढ़ रहे हैं। खेत आवारा पशु चर रहे है, और फसल एम एस पी के बजाय हजार- बारह सौ रूपये मे बेचनी पड रही है। इन्ही वजहों से अमरेन्द्र खेती मे घाटे मे चला गया और मात्र 60 हजार रूपये के कर्ज मे उसे आत्महत्या करनी पड़ी ।
उन्होने कहा लाखों करोड़ के पूंजीपतियों के कर्ज को माफ करने वाली मोदी-योगी सरकार ने 60 हजार रूपये के कर्ज वसूली के लिए किसान पर आरसी काट कर इतना दबाव बनाया कि उसे आत्महत्या करनी पड़ी।
किसान महासभा के जिला अध्यक्ष फूलचंद मौर्य ने कहा अमरेन्द्र यादव की आत्महत्या की जिम्मेदार सरकार व प्रशासन है। उन्होंने अमरेन्द्र यादव के सभी कृषि कर्ज के माफी व परिवार को 10 लाख रूपये मुआवजा दिया जाये, जिले में एमएसपी पर गेहूं खरीद करने और न्याय पंचायत स्तर पर खरीद केन्द्र खोले जाने की मांग उठाई।
उन्होने कहा कि कर्ज माफी व मुआवजा नही दिया गया तो अखिल भारतीय किसान महासभा अमरेन्द्र के गांव केसौली में 20 मार्च को किसान पंचायत लगाकर इस पर आन्दोलन करेगा।
प्रदर्शन के बाद तीन सूत्री ज्ञापन जिलाधिकारी के नाम सौपा गया।
प्रदर्शन मे जिला उपाध्यक्ष अहमद राही, ब्लाक अध्यक्ष रामधनी ,रामा देवी, राजमोहन विश्वकर्मा, अफरोज आलम,सरोज आदि शामिल थे।