लखनऊ । अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन ( ऐपवा) ने यूपीटेट (UPTET) परीक्षा का पेपर लीक होने और परीक्षा रद होने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यूपी में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी नौकरियां माफियाओं और दलालोँ के हवाले हो चुकी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के यूपी के विकास के मॉडल का यह हाल है कि एक साधारण परीक्षा भी करा पाने में विफल हैं। यूपीटेट परीक्षा जिसमे लाखों लाख नौजवान बैठ रहे है जिसमें महिलाओं की भी बड़ी सँख्या शामिल है, का भविष्य अंधकार में है। इसकी जिम्मेदार योगी सरकार ही है।
ऐपवा की राज्य सचिव कुसुम वर्मा ने जारी बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में एक बार फिर परीक्षा रद्द कर दी गई है। भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का मॉडल फ्लॉप साबित हो चुका है।उत्तर प्रदेश की बेटियां अपने संघर्षों से अपना मुकाम हासिल कर आत्मनिर्भर बनने के लिए कड़ा परिश्रम कर रही हैं। तमाम अभ्यर्थी विशेषकर महिलाएं क़ई किलोमीटर की यात्रा करके परीक्षा केंद्र तक पहुंचती है ऐसे में पेपर लीक की हताशा भरी खबर, अधिक आर्थिक खर्च आदि की जवाबदेही किसकी होगी ?
कुसुम वर्मा ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज और सामन्ती जकड़न की वजह से लड़िकयों को परिवार में अपनी पढ़ाई और नौकरी केलिए कई तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति में रोजगारपरक परीक्षाओ का रद्द होना बेटियों के भविष्य के साथ धोखा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कह रहे है कि वह प्रदेश में तकरीबन साढ़े चार लाख रोजगार दिए है लेकिन उसमें आधी आबादी का प्रतिशत कितना होगा इस पर उनकी लंबी चुप्पी दिखाती है कि उनकी मंशा में खोट है और वह बेटियों की आज़ादी और आत्मनिर्भरता के विरोधी है।
अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन मांग करती है कि यूपीटेट परीक्षा घोटाले की उच्चस्तरीय निष्पक्ष न्यायिक जांच हो ,उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाय सभी अभ्यर्थियों को घर से परीक्षा केंद्र तक के यातयात का समुचित किराया दिया जायऔर सभी बेरोजगार नौजवानो( जिसमे महिलाओं के लिए विशेष सुविधाओं के साथ ) को 10 हजार रुपये मासिक बेरोजगारी भत्ते की गारंटी की जाय।