पटना। आजादी के 75 वें वर्ष पर भूख, बेरोजगारी, नफरत और उन्माद के खिलफ ‘ उठो मेरे देश ’ के नारे के साथ जन संस्कृति मंच की 15 अगस्त को आरा से शुरू हुई सांस्कृतिक यात्रा 16 अगस्त को दूसरे दिन पटना पहुंची। सांस्कृतिक यात्रा के दौरान पटना के अंजुमन इस्लामिया के सामने , भगत सिंह ( गांधी मैदान ) चौक तथा फुलवारी शरीफ में जनगीत , नाटक की प्रस्तुति के साथ-साथ लोगों से संवाद किया गया।
पहला कार्यक्रम अंजुमन इस्लािमियां के सामने नुक्कड पर किया गया। ऐपवा नेत्री आसमां खां ने अपनी बात रखते हुए कहा कि आज देश में अमन कायम करन की जरुरत है। महिलाओ को शिक्षा और सुरक्षा देेने की जरुरत है। उन्होंने आगे कहा कि जसम की यह सांस्कृतिक यात्रा जनसंवाद का एक सशक्त माध्यम बनेगा।
भगत सिंह चैक पर समाजसेवी डोर्थी फर्नांडिस संबोधित करते हिए कहा कि यह भूख, गरीबी , बेरोजगारी और नफरत के खिलाफ उठो मेरे देश के नारे के साथ यह राज्यव्यापी सांस्कृतिक यात्रा है। जसम बिहार के राज्य कार्यकारिणी सदस्य अभिनव ने कहा कि मौजूदा सरकार इस देश की सदियों से चली आ रही गंगा जमुनी तहजीब को खत्म करना चाहती है. ये सरकार नही चाहती कि देश में अमन चैन कायम रहे. वो लगातार सांप्रदायिक उन्माद बढ़ा रही है. पर इस देश की अमन पसंद जनता यह होने नहीं देगी. कार्यक्रम में माले के राज्य कमिटी सदस्य जितेंद्र कुमार, मुश्ताक राहत भी शामिल रहे।
सांस्कृतिक यात्रा के साथ चल रहे कलाकारों ने फुलवारी शरीफ मे विभिन्न स्थानों पर जनगीत व नाटक की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी प्रमोद यादव , अनिल अंशुमन , समता राय तथा पुनीत ने किया . इस सांस्कृतिक जत्था में पटना , आरा , बेगूसराय , जहानाबाद , समस्तीपुर , दरभंगा तथा मधुबनी के रंगकर्मी व जनगायक अपने जनगीत व नाटक के माध्यम से लोगों से संवाद कर रहे हैं।
सांस्कृतिक यात्रा के दौरान नाटक ‘ उठो मेरे देश ’ का मंचन किया जा रहा है जिसे रंगकर्मी एवं जन संस्कृति मंच बिहार के राज्य सचिव दीपक सिन्हा ने लिखा है। सांस्कृतिक यात्रा का नेतृत्व वरिष्ठ एक्टिविस्ट गालिब तथा संयोजन राजू रंजन कर रहे हैं।