पटना। भाकपा माले बिहार विधान सभा चुनाव में शिक्षा, रोजगार के साथ-साथ मुकम्मल भूमि सुधार लागू करना, खेती की नीलामी व काॅरपोरेटों की गुलामी करने वाले हाल-फिलहाल में पारित किए गए तीनों कानूनों की वापसी, स्कीम वर्करों यथा आंगनबाड़ी-रसोइया-जीविका-आशा कार्यकर्ताओं के प्रति किए गए विश्वासघात, मनरेगा में 200 दिन काम व 500 रु. न्यूनतम मजदूरी, निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक, आरक्षण को खत्म करने की साजिशों पर रोक आदि मुद्दों को प्रमुखता से उठाएगी।
रविवार को पटना में भाकपा-माले की एक दिवसीय राज्य कमिटी की बैठक में बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार की दिशा और मुद्दे पर समग्रता में बातचीत हुई.
बैठक में मुख्य रूप से माले महासचिव काॅ. दीपंकर भट्टाचार्य, वरिष्ठ नेता स्वदेश भट्टाचार्य, राज्य सचिव कुणाल, राजाराम सिंह, धीरेन्द्र झा, विधायक सुदामा प्रसाद, शशि यादव, पूर्व विधायक अरूण सिंह सहित सभी जिलों के जिला सचिव उपस्थित थे.
माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में ‘ एनडीए हराओ-बिहार बचाओ- जनता की दावेदारी आगे बढ़ाओ ‘ भाकपा (माले) का मुख्य नारा होगा. भाजपा-जदयू के खिलाफ जनता का आक्रोश आज चरम पर है. विगत 15 वर्षों का गुस्सा संचित है जिसकी अभिव्यक्ति चुनाव में होगी. भाजपा-जदयू की सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है और आज बिहार बेरोजगारी में नंबर एक पर पहुंच गया है.
उन्होंने कहा कि चुनाव में हम घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क स्थापित करेंगे और हरेक विधानसभा में सघन रूप से प्रचार अभियान संगठित करेंगे. सोशल मीडिया भी हमारे प्रचार का एक बड़ा माध्यम होगा. हमने अब तक बिहार में 50 हजार से ज्यादा व्हाट्सएप ग्रुप बना लिए हैं.