नई दिल्ली. भाकपा(माले) के वरिष्ठ नेता कामरेड डी.पी. बख्शी का आज सुबह कोलकता में निधन हो गया. वे पार्टी के केन्द्रीय कमेटी सदस्य थे और कुछ दिनों पहले कैंसर की बीमारी का पता चलने तक वे लम्बे समय से पार्टी पोलित ब्यूरो में थे.
पार्टी के वरिष्ठतम सदस्यों में एक कामरेड बख्शी नक्सलबाड़ी और कामरेड चारु मजूमदार के आह्वान पर साठ के दशक में दुर्गापुर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज के अपने साथियों विनोद मिश्र और बृजबिहारी पाण्डे के साथ आन्दोलन में कूद पड़े और तब से लगातार भाकपा(माले) के निर्माण व विकास में उनका अविस्मणीय योगदान रहा. वे 70 वर्ष के थे.
आपातकाल के बाद जेल से रिहा होने के बाद वे पूरे देश में पार्टी विस्तार व सुदृढ़ीकरण के काम में जुट गये. पश्चिम बंगाल के अलावा असम, झारखण्ड, ओडिशा, तमिलनाडु, आन्ध्रप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भाकपा(माले) के विस्तार में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही. मजूदर वर्ग मोर्चे पर, विशेषकर रेलवे मजदूरों के बीच, पार्टी निर्माण में भी उन्होंने केन्द्रीय भूमिका निभाई.
अपने खराब स्वास्थ्य के बावजूद दूर-दूर राज्यों में यात्रायें कर पार्टी की विभिन्न जिम्मेदारियों को पूरे मनोयोग से पूरा कर नयी पीढ़ी को वे प्रेरणा देते रहे. सौम्य व्यवहार और हर तरह की कठिन परिस्थिति में धैर्यपूर्वक काम करते रहने के स्वभाव से वे साथियों में अत्यंत लोकप्रिय थे.
उन्हें कोलकता के क्रीक रो स्थित पार्टी राज्य कार्यालय में लाया गया है. अन्तिम विदाई व अंत्येष्टि कल 27 जुलाई को होगी.