पुरूषोत्तम शर्मा
जेएनयू में फ़ीस वृद्धि के ख़िलाफ़ चल रहे छात्र आन्दोलन ने एक मज़बूत और बड़े आंदोलन का रूप ले लिया है। 18 नवम्बर को JNU छात्रों के लॉन्ग मार्च पर हुए बर्बर हमले ने पूरे देश को सरकार और दिल्ली पुलिस के प्रति रोष से भर दिया है। फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ यह आंदोलन अब दिल्ली तक सीमित नहीं रह गया है। देश के कोने कोने में इस आंदोलन का ताप पहुँच रहा है। इसी कड़ी में आज छात्र अंदोलन के समर्थन में और पुुुलिस दमन के विरोध में मंडी हाउस से संसद मार्ग तक नागरिक मार्च निकला। यह महत्वपूर्ण है कि इस नागरिक मार्च को न केवल छात्र और युवा संगठनों का समर्थन मिला बल्कि देश व्यापी स्तर पर महिला संगठनों, मज़दूर संगठनों, शिक्षक संगठनों और कई राजनीतिक पार्टियों का समर्थन भी मिला।
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जिसके लिए आज लोग सुुुबह 11 बजे मंडी हाउस पर एकत्र हुए। जेएनयू आंदोलन के समर्थन के लिए संगवारी की टीम ने एक गीत “लड़ जेएनयू जिंदाबाद-बढ़ जेएनयू जिंदाबाद” गाकर पूरे माहौल को जोशीला बना दिया।। उसके बाद जेएनयू छात्रों के संघर्ष को समर्थन के लिए दिल्ली में मंडी हाउस से सांसद मार्ग तक नागरिक मार्च हुआ। भारी संख्या में बुद्धिजीवियों, राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ छात्रों, नागरिकों ने भी इसमें हिस्सा लिया।
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उसके बाद संसद मार्ग पर एक विरोध सभा हुई। सभा को सीपीएम के महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी, सीपीआई (एमएल) के केंद्रीय कमेटी सदस्य कामरेड पुरुषोत्तम शर्मा, राजद के नेता मनोज झा, भीम आर्मी के नेता चंद्र शेखर, कांग्रेस सांसद राजीव गौड़ा, पूर्व सांसद उदित राज, जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आईसी घोष, जेएनयू शिक्षक संघ अध्यक्ष डीके लोबियाल, एक्टू के महासचिव राजीव डिमरी, एआईपीएफ के सचिवालय सदस्य अम्बरीष राय, आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बालाजी के अलावा डीयू इग्नू सहित कई विश्वविद्यालयों के छात्र व शिक्षक संगठनों ने संबोधित किया।
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