भोजपुर के बिहियां में भीड़तंत्र के नाम पर उन्मादी गिरोह द्वारा एक महिला जो अपने जीवन जीने के जद्दोजहद में वर्षों से बिहियां बाज़ार पर नर्तकी का काम कर रही थी, को निर्वस्त्र कर मारते – पीटते नीतीश – मोदी की लाडली पुलिस के मौजूदगी में सरेबाज़ार घुमाया गया की जितनी भी निंदा की जाय कम है। वैसे तो मुज्जफरपुर से लेकर बिहिंया तक सरकार के संक्षण में हीं नहीं सहयोग से पूरे बिहार में महिलाओं – बच्चियों पर हिंसा – बलात्कार की घटनाओं की बाढ़ सी आ गयी है।
एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में जनवरी से अब तक रेप की घटनाओं में ढाई गुनी बृद्धि हुई है और पूरे देश मे हर एक घंटे में 4 महिलाओं का रेप होता है। लेकिन बिहिंया की घटना अपने आप मे बर्बर मध्ययुगीन घटना है। जहाँ इस महिला का कसूर क्या है? इस हृदयविदारक घटना उसके साथ क्यों हुआ, किसी को पता ही नही है।
लोगों की माने तो जिस वजह से यह घटना घटी उसमे मुख्य रूप से भोजपुर के शाहपुर थाना के दामोदरपुर गांव निवासी विमलेश कुमार (इंटरमीडिएट छात्र ) की लाश बिहिंया रेलवे स्टेशन बाज़ार के बगल में पटरी के पास किसी व्यक्ति को दिखाई दी. इसकी सूचना जीआरपी व बिहियां थाना को दी गयी लेकिन दोनो थाने का थानेदार मेरे नही तेरे क्षेत्र की घटना के नाम पर चार – पांच घण्टे लाश को यूँ ही रहने दिया.
हत्या किसने की यह अभी जांच का विषय है लेकिन भीड़तंत्र में शामिल उन्मादी गिरोह ने अफवाह फैलाकर बिहियां स्टेशन के उत्तर दिशा में महादलित परिवार के घर को निशाना बनाकर आगजनी, लूटपाट करते हुए उस महिला को घर से निकाल निर्वस्त्र कर मारतें – पीटते, गालीग्लौज करते सरेबाज़ार घुमाया।
देश का नागरिक होने के नाते अगर मैं बोलूं की वर्तमान समय मे जो भारत मे माहौल बनाया जा रहा है खास कर मोदी सरकार के आने के बाद ये घटनाएं आम होती जा रहीं है और इससे भी बड़ी घटनाओं के लिए हमे तैयार रहना होगा। जहां भीड़ को गलत सही फैसला करने, न्याय देने का लाइसेंस मिल गया है।
भाकपा – माले और ऐपवा के जांच दल बिहिंया -दामोदरपुर का दौरा किया जिसमें भाकपा माले के तरारी विधायक व राज्य कमेटी सदस्य सुदामा प्रसाद, केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव, ऐपवा जिला सचिव इंदु सिंह, ऐपवा नेत्री संगीत सिंह, आइसा राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन, भाकपा माले बिहिंया प्रखंड सचिव उत्तम प्रसाद, हरेन्द्र सिंह, पानालाल शामिल थे।
जांच के बाद तरारी विधायक व भाकपा -माले राज्य कमेटी सदस्य सुदामा प्रसाद ने कहा कि नीतीश – मोदी राज्य में सामंती – साम्प्रदायिक ताकतें बेलगाम हो चुकी हैं।इस पूरी घटना में जिला प्रसाशन की भूमिका संदिगध है उन्मादी तत्वों द्वारा चार घंटो तक पुलिस के मौजूदगी में महिला को घुमाया जा रहा था पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
एक तरफ संदेश में 21 वर्षीय कोचिंग संचालक राहुल कुमार की हत्या अपराधियों द्वारा कर दी जाती है।उनके परिजनों के द्वारा हत्यारों का नाम बताने के बावजूद उन्हें थाना से छोड़ दिया जाता है ,वहां के थाना प्रभारी हत्यारों, अपराधियों को बचाने में लगा है और दूसरी तरफ बिहिंया में जहां पर हत्या जांच का विषय है वहां पूरे पुलिस महकमा की मौजूदगी में महिला को सरेआम बाज़ार में निर्वस्त्र घुमाया जाता है और पीटा जाता है। यही नीतीश – मोदी राज में सुशासन व न्याय के साथ विकास का नमूना है और इसी के सहारे नीतीश जी महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं।
जांच दल ने पाया कि पीड़ित महिला का अभी तक पता नही है। जांच दल का घटना स्थल पर पहुंचते ही दस – बीस की संख्या में उन्मादी गिरोहों ने पुलिस की मौजूदगी में पथराव किया। जांच दल ने पाया कि विमलेश कुमार चार छात्र के साथ आए थे. उन्ही लडकों के बात पर महिला की पिटाई हुई है। कुछ पुलिसकर्मियों का निलम्बन लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए किया गया है।
जांच टीम ने मांग की कि जिले बढ़ रहे हिंसा- ब्लातकार, हत्या अन्य आपराधिक घटनाओं को रोकने में विफल ही नही अपराधियों को संरक्षण देने वाले जिला पुलिस अधीक्षक को तत्काल हटाया जाए। बिहियां थाना प्रभरी पर एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किया जाए, पीड़ित महिला को न्याय दिया जाए, फुटेज देख कर अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजाए दी जाए, मृतक छात्र के आश्रितों को 5 लाख रुपया मुआवजा और सरकारी नौकरी दी जाय।
पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार भाकपा माले और ऐपवा ने 23 अगस्त को बिहियां में प्रतिवाद मार्च आयोजित किया जिसमें ऐपवा नेत्री व भाकपा माले केंद्रीय कमेटी सदस्य सरोज चौबे, केंद्रीय कमेटी सदस्य राजू यादव शामिल थे।