समकालीन जनमत

Author : डॉ हरिओम

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ज़ेर-ए-बहस

‘ हवा में रहेगी मेरे ख़यालों की बिजली ’

डॉ हरिओम
‘   आज जब यह पक्तियां लिखी जा रही हैं तो पूरा देश शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को उनके जन्मदिन के अवसर पर याद कर रहा...
साहित्य-संस्कृति

प्रतिरोध साहित्य का मूल स्वर है जो समाज निर्माण का स्वप्न लेकर चलता है

डॉ हरिओम
  साहित्य को समाज का दर्पण कहा जाता रहा है. मतलब समाज जैसा है उसे वैसा ही दिखाने वाला लेखन साहित्य है. बचपन से हम...
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