प्रयागराज। उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन (ऐक्टू) के आह्वाहन पर आज सदर तहसील प्रयागराज पर आशाओं ने प्रदर्शन किया और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शन के दौरान “ योगी सरकार वादा निभाओ, वादा अनुसार मानदेय बढ़ाओ ”, “आज करो अर्जेंट करो हमको परमानेंट करो “, ” 2000 में दम नहीं 21000 से कम नहीं ” , ” आशा व आशा संगिनीयों को स्थाई करो “, “आशाओं का शोषण बंद करो, योगी मोदी होश में आओ “, ” यौन हिंसा को रोकने के लिए महिला सेल का गठन करो, ” आशाओं को ईएसआई का लाभ दो, 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा, 50 लाख का जीवन बीमा की गारंटी करो ” इत्यादि नारे लगे।
आज हुए प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी सदस्य रेखा मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद आशा का 6700+ अन्य कार्यों की प्रोत्साहन राशि व संगिनी बहनों का 11000 + अन्य सेवाओं की प्रोत्साहन राशि देने की बात कही लेकिन यह भी अभी तक सरकारी जुमला ही बना हुआ है। उन्होंने ने कहा कि आशा समाजसेविका नहीं कर्मचारी है जिसकी मान्यता श्रम सम्मेलन से मिली है। इनको न्यूनतम वेतनमान व पीएफ, ईएसआई, पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए। प्रदेश भर में आशा व आशा संगिनी का 4 से 6 माह तक संपूर्ण मानदेय बकाया रहता है। बहुत अल्प प्रोत्साहन राशि में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार होती रहती हैं , किंतु उस अल्प अपमानजनक कथित मानदेय के भुगतान की चिंता न एनएचएम को रहती है और न सरकार को।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन की जिला कमेटी सदस्य रूपाली श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार में चुनावी वर्ष में समारोह पूर्वक आशा कर्मियों को बाहर कहकर मोबाइल भेंट किए थे। अब उन्हें कचरा मोबाइल से कार्य का डाटा फिट करने आयुष्मान कार्ड बनाने का फरमान जारी किया है। डाटा उधार, 2G नेटवर्क, दूरदराज ग्रामीण जीवन में नेटवर्क संकट , उस पर एक घंटे की ट्रेनिंग पर कंप्यूटर ऑपरेटर का कार्य करने का दबाव बनाया जाता है जो कत्तई उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि अल्प मानदेय में रात दिन श्रम करने वाली आशा व आशा संगिनी भुखमरी की शिकार हैं और कई- कई माह की प्रोत्साहन राशि बकाया है। इसके अलावा भी वर्षों से दस्तक व आयुष्मान कार्ड बनाने जैसे कार्यों में अलग से समकालीन कार्यों में किए गए नियोजनों की कोई प्रोत्साहन राशि आज तक भुगतान नहीं की गई।
उत्तर प्रदेश आशा वर्कर्स यूनियन भगवतपुर ब्लाक अध्यक्ष आरती ने कहा कि पूरे प्रदेश में आशा व आशा संगिनी यौन उत्पीड़न का शिकार होती रहती हैं जिसकी रोक व शिकायत के लिए किसी ऐसे पटल की व्यवस्था नहीं है जिसमें निःसंकोच शिकायत पर त्वरित न्याय पाया जा सके, जबकि इस तरह का अपमानजनक स्थितियों से आए दिन कहीं ना कहीं आशा व आशा संगिनी को गुजरना पड़ता है। अस्पतालों में आशा विश्राम घर या तो है नहीं और अगर कहीं है तो उनको कबाड़ रखने में प्रयोग किया जा रहा है। अस्पतालों में मरीजों से भी लूट का खसोटखुलेआम जारी है। विरोध करने पर आशा ही उनके कोप का शिकार बनती है। आए दिन आशा कर्मियों के साथ चिकित्सक, स्टाफ कर्मियों द्वारा मारपीट की घटनाओं के मूल में यही अवैध उगाही है।
आशा नेता राजेश्वरी ने कहा कि कोई भी आशा ऐसी नहीं है जिसने 5 से 1000 तक गोल्डन आयुष्मान कार्ड बनाने समेत अन्य कामों में योगदान न किया हो , और वर्तमान समय में फिर योगदान कराया जा रहा है । पूर्व घोषित ₹5 प्रति कार्ड की अनुतोष राशि व इस वर्ष की प्रति कार्ड की घोषित ₹10 की राशि का पैसा भुगतान नहीं मिला ।
प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सफाई मजदूर एकता मंच के जिला उपाध्यक्ष व ऐक्टू के नेता वीरेंद्र रावत ने कहा कि मोदी योगी सरकार महिलाओं के विकास का नगाड़ा पीट रही है लेकिन सच्चाई इसके उलट है। बार-बार ध्यान आकर्षित करने के बावजूद सरकार न्यूनतम वेतन के प्रश्न को सुनने को तैयार नहीं है और ना ही भविष्य निधि, ग्रेच्युटी , किसी भी तरह की सामाजिक सुरक्षा, वार्षिक अवकाश,मातृत्व अवकाश को भी देने के लिए तैयार है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए भगवतपुर ब्लाक सचिव मिथिलेश कुमारी ने 13 मार्च को जिला मुख्यालय पर होने वाले प्रदर्शन में सभी आशाओं को शामिल होने की अपील की। प्रदर्शन में अर्चना गौतम, कुसुम पुष्पजीवी, रेखा आर्य, रेखा देवी ,किरण देवी, उषा ,अंजू, सरोज बाला, उर्मिला, रेखा गुप्ता, सुनीता, रूपाली, राजेश्वरी, नीलम शामिल रहीं। भाकपा माले के जिला प्रभारी सुनील मौर्य, ,सोनू यादव, भानु, अनिरुद्ध,वीरेंद्र रावत , सुभाष मौर्य, प्रदीप ओबामा शामिल होकर समर्थन किया।