आरा (बिहार). वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में आइसा ने विवि में होने वाली सीनेट की बैठक का घेराव किया. आइसा कार्यकर्ताओं ने सैकड़ो की संख्या में पूरे विवि में मार्च निकाला और अंत मे विवि के विज्ञान भवन (जहां सीनेट का बैठक चल रहा था) पहुंचकर सभा की. इस दौरान पुलिस आइसा के छात्रों के साथ हल्की नोंकझोक भी हुई। मार्च के दौरान कार्यकर्ताओं ने सीनेट मुर्दाबाद के नारे लगाए.
सभा को सम्बोधित करते हुए आइसा के बिहार राज्य सचिव शिवप्रकाश रंजन ने कहा कि सीनेट की बैठक में विवि के अधिकारियों समेत राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होते है. इसके बावजूद कि उस बैठक में विश्वविद्यालय सहित छात्र- छात्राओं का भविष्य तय होता है, वहां छात्रों की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं होता है. विश्वविद्यालय अधिकारी सीनेट को छात्रों से लूटने का मंच बना देना चाहते है. इसलिए इतने महत्वपूर्ण बैठक में छात्र प्रतिनिधियों को शामिल नहीं होने देना छात्रों के अधिकार पर हमला है. छात्र संगठन आइसा ने हर बार सीनेट का घेराव कर छात्रहित से सम्बंधित कई मुद्दे रखता आया है. इस बार भी हमने सीनेट में छात्र प्रतिनिधि की मौजूदगी, एलएलएम और एम.एड की पढ़ाई शुरू करने, सभी कॉलेजों में पीजी स्तर के पाठ्यक्रम शुरू करने, साल में 180 दिन पढ़ाई की गारंटी करने, सासाराम में विवि की क्षेत्रीय शाखा खोलने, समेत कई मांगो को लेकर सीनेट का घेराव किया.
आइसा जिलाध्य्क्ष पप्पू ने कहा कि सीनेट की बैठक में हर साल अरबों रुपये का बजट पास किया जाता है लेकिन उसका कोई हिसाब नहीं होता है. सीनेट की बैठक में छात्रों के भविष्य, कॉलेजों एवं विवि की बदहाल स्थिति पर बात नहीं होती है. आज भी कई कॉलेजों में पुस्तकालय, पेयजल और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है. कॉलेजों में वर्ग भवन की भी घोर कमी है. विवि में पढ़ने वाले अधिकतर छात्र गांवों से आते है लेकिन उनके रहने के लिए छात्रावास भी नहीं है. आइसा ने सीनेट घेराव से पहले भी अपने हर आंदोलनों में इन सभी मुद्दों को गंभीरता से उठाया है लेकिन स्थिति जस का तस है. आइसा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी. आने वाले दिनों में आंदोलन तेज़ करेगी.
आइसा जिलासचिव सबीर ने कहा कि विवि के तमाम कॉलेजों की हालत ख़स्ता है. शिक्षकों और कर्मचारियों की घोर कमी है. विवि में कोई भी सत्र नियमित नहीं है जिसकी वजह से एकेडमिक कैलेंडर जबर्दस्त तरीके से फेल है. सीनेट की बैठक में विवि और कॉलेजों को सुदृढ़ बनाने पर बात नहीं होती है. छात्र-छात्राओं के सवालों पर बात नहीं होती है. छात्र जब अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करते है तो पुलिस लाठीचार्ज का सहारा लेकर आवाज को दबाने की कोशिश होती है. यह कही न कही विवि प्रशासन के हिटलरशाही रवैये को दिखाता है.
आइसा ने चेतावनी दी कि जब तक छात्र छात्राओं से संबंधित होने वाली सीनेट जैसी बैठकों में छात्रों के प्रतिनिधियों को शामिल नहीं किया जाएगा तब आइसा ऐसी तमाम बैठकों का पूरी ताकत के साथ विरोध करते रहेगी.
इस कार्यक्रम के दौरान आइसा नेता रंजन, जैन कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष दृष्टि राज, एसबी कॉलेज अध्यक्ष सुधीर, आइसा नेता रुचि, जयप्रकाश, सुशील, मृत्युंजय, धीरेंद्र, नेहा, रणधीर, सनोज, अंशु, बादल, अनूप, अभिषेक, उज्ज्वल, विकास इत्यादि समेत सैकड़ो आइसा कार्यकर्ता मौजूद थे.
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