Photographer -© Light Art by Gerry Hofstetter / Foto Zermatt Tourismus
पूरा विश्व इस समय कोरोना के कहर से जूझ रहा है. दुनिया के तकरीबन सौ देश लॉकडाउन में हैं. एक अनुमान के अनुसार दुनिया की लगभग एक तिहाई से अधिक आबादी किसी न किसी पाबंदी के अधीन है. एक तरह से कोरोना ने दुनिया को एक-दूसरे से पूरी तरह अलग-थलग कर दिया है.
कोरोना के खिलाफ दुनिया की इस जंग में दुनिया के तमाम देशों की हौसलाफजाई के लिए और एकजुटता का संदेश देने के लिए सबसे खूबसूरत कहे जाने वाले देश स्विट्ज़रलैंड ने एक नायाब पहल की है.
स्विट्ज़रलैंड और इटली की सीमा पर स्थित स्विट्ज़रलैंड का गाँव है -जेरमत्त(Zermatt). इस गाँव से लगभग चार घंटे की दूरी पर स्थित है मैटरहॉर्न पर्वत. कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनिया भर में उम्मीद जगाने,घर के अंदर रहने और एकजुटता का संदेश देने के लिए 58 वर्षीय स्विस लाइट आर्टिस्ट गैरी हॉस्टेटर ने इस 14690 फीट ऊंची चोटी का बेहद खूबसूरत उपयोग किया.यह सिलसिला 24 मार्च 2020 से शुरू किया गया और पहला चित्र जो लाइटिंग के जरिये मैटरहॉर्न पर्वत पर उकेरा गया,वह था,लाल रंग में अँग्रेजी में लिखा हुआ-होप यानि उम्मीद. उसके बाद यह सिलसिला अनवरत जारी है. भारत समेत दुनिया के तमाम देशों के नक्शे भी मैटरहॉर्न पर्वत पर लाइटिंग के जरिये उकेरे गए और यह क्रम जारी है.संयुक्त अरब अमीरात ने स्विट्ज़रलैंड की इस सदाशयता का आभार प्रकट करने के लिए बुर्ज खलीफा पर स्विट्ज़रलैंड का झण्डा लाइटिंग के द्वारा उकेरा. दुनिया के कतिपय मुल्कों ने इसे अपने मुल्क या मुल्क की श्रेष्ठता के तौर पर प्रतिबिम्बित करने की कोशिश की पर मैटरहॉर्न का संदेश दुनिया की व्यापक एकजुटता का है.
जेरमत्त की आधिकारिक वैबसाइट- https://www.zermatt.ch/en/hope कहती है कि इस लाइट प्रोजेक्शन के जरिये जेरमत्त दुनिया को इस कठिन लड़ाई में उम्मीद की आस देना चाहता है,उसके साथ एकजुटता जाहिर करना चाहता है. इस संकट काल में और उसके बाद भी दुनिया को यदि किसी चीज की सर्वाधिक जरूरत है तो वह यही एकजुटता है. जेरमत्त की यह भावना पूरी दुनिया में फैले और फले-फूले.
नोट- तस्वीर, जेरमत्त की आधिकारिक वैबसाइट (© Light Art by Gerry Hofstetter / Foto Zermatt Tourismus)से साभार ली गयी है.