उत्तर प्रदेश में देवरिया के सरकारी बालिका संरक्षण गृह में जिस तरह से 18 लड़कियों की गुमशुदगी और भाजपा मंत्रियों के संरक्षण में बेबस लड़कियों से देह व्यापार का आश्चर्यजनक मामला प्रकाश में आया. ठीक इसी तरह से एक के बाद एक हरदोई, प्रतापगढ़ के शेल्टर होम से भी लड़कियो के गायब होने की खबरें आती जा रही हैं.
भाकपा माले और ऐपवा ने 8 अगस्त को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की कि देवरिया समेत प्रदेश के सभी सरकारी संरक्षण गृहों की उच्च स्तरीय स्वतन्त्र जांच तय समय सीमा के अंदर करके शीघ्र यह रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.
पीड़ित मासूमों को न्याय दिलाने के लिए देवरिया कांड की सीबीआई जांच न्यायालय के अधीन हो.
शेल्टर होम से गायब हो चुकी लड़कियों की तत्काल शिनाख्त कर उन्हें वापस लाया जाए और सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. साथ ही साथ सभी सरकारी संरक्षण गृहों का डिजिटलाइजेशन किया जाए.
पूरे मामले की जांच के लिए निगरानी समिति बनाई जाए जो एक निश्चित समय पर जांच रिपोर्ट जारी करे। निगरानी समिति में महिला संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए.
प्रदर्शनकारियों ने यह भी माँग की कि प्रदेश से लगातार आ रही ऐसी घटनाओं की जिम्मेदारी लेते हुए उत्तर प्रदेश की महिला कल्याण मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी इस्तीफ़ा दें.
प्रदेश में बीते डेढ़ साल में बढ़ते बलात्कार और महिला उत्पीड़न और असुरक्षा की बढ़ रही घटनाओं को रोकने में नाकामयाब कोई जवाबदेही न लेने वाले मुख्यमंत्री योगी के इस्तीफे की भी मांग की गई.
ऐपवा मुजफ्फरपुर की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी अपने आंदोलन को जारी रखेगा और आगामी 3 सितंबर को समाज कल्याण मंत्री के इस्तीफे की मांग को और भी जोरदार ढंग से उठाएगा.
भाकपा माले, ऐपवा और जनसंगठनों की संयुक्त पहलकदमी में यह प्रदर्शन मुख्य रूप से देवरिया, गोरखपुर, बनारस, मऊ, गाजीपुर, मिर्जापुर, चन्दौली, इलाहबाद, लखनऊ, सीतापुर, रायबरेली, लखीमपुर खीरी और मथुरा में आयोजित किये गए.
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