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98 फीसदी डीटीसी कर्मचारियों ने हड़ताल के पक्ष में वोट डाला

नई दिल्ली. डीटीसी के कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों ने स्ट्राइक बैलट किया और 10 हज़ार 69 वोट हड़ताल के पक्ष में डाल कर संघर्ष और जनवाद का बेहतरीन मॉडल पेश किया है.

डीटीसी में लगभग 12 हज़ार कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी काम करते हैं। वे पहले ही असुरक्षित रोजगार और अंडर पेमेंट को झेल रहे हैं। मालिकों की अपील पर हाई कोर्ट द्वारा बढ़ी हुई न्यूनतम मजदूरी को वापस कम करने का निर्णय से उनकी मुसीबत और बढ़ गई है.  इसका बहाना बना कर डीटीसी प्रबंधन ने  सर्कुलर जारी किया जिसके बाद पहले ही बेहाल कर्मचारियों का 4-5 हज़ार वेतन घट गया है. तमाम वार्ताओं और आश्वासनों के बावजूद केंद्र व दिल्ली सरकार की तरफ से कोई राहत नही मिली है.

मजबूर होकर  डीटीसी के कर्मचारी डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (AICCTU) के नेतृत्व ने स्ट्राइक बैलट का निर्णय लिया गया. पिछले चार दिनों में 40 से ज्यादा डीटीसी डिपो में सुबह 6 से शाम 6 बजे तक कर्मचारियों ने वोट डाला कि क्या उन्हें अपनी न्यूनतम मजदूरी , समान काम का समान वेतन जैसे बुनियादी अधिकारों के लिए हड़ताल में जाना चाहिए या नही ? कुल 10 हज़ार 254 कर्मचारियों ने मताधिकार का प्रयोग किया जिसमें 10 हज़ार 69 (98% से ज्यादा) कर्मचारियों ने अपनी मांगों की लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए हड़ताल किये जाने के पक्ष में वोट दिया है ।

वोटिंग और काउंटिंग की पूरी प्रक्रिया बेहद पारदर्शी रही. वकीलों और सिविल सोसाइटी के कई प्रतिनिधियों की देख-रेख में ये प्रक्रिया पूरी की गई है। इस पूरे अभियान का नेतृत्व करने वाले  डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर (सम्बद्ध एक्टू) के साथियों को संघर्ष के इस जनवादी मॉडल को सफलतापूर्वक पेश करने बधाई दी है।

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