हथियारबंद गौरक्षक सेनाओं को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए
लखनऊ. रिहाई मंच ने गौगुण्डों द्वारा पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की नृंशस हत्या के लिए योगी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की। मंच ने गौरक्षा के नाम पर देश को गृहयुद्ध में झोंकने वाली हथियारबंद सेनाओं पर तत्काल प्रतिबंध की मांग की है।
बुलंदशहर जिले के कोतवाली क्षेत्र स्याना में दंगे का षडयंत्र करने वालों को पुलिस द्वारा रोकने पर गौरक्षा दल, बजरंगदल, आरएसएस, हिंदू युवा वाहिनी के गौगुण्डों द्वारा किए गए उत्पात के बाद रिहाई मंच ने आकस्मिक बैठक की। सूबे में गुण्डाराज के खिलाफ कल चार बजे गांधी प्रतिमा, हजरतगंज लखनऊ पर इंसाफ पसन्द अवाम धरना देगी।
रिहाई मंच अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा है कि प्रदेश ही नहीं पूरे देश को सांप्रदायिक हिंसा में झोंककर सरकारों के संरक्षण में हिंदुत्ववादी संगठन देश में गृह युद्ध जैसे हालात पैदा कर रहे हैं। इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या को षडयंत्र कहते हुए बताया कि वे अखलाक मामले में जांच अधिकारी रह चुके हैं। कल तक मासूमों को दौड़ा-दौड़ा कर मारने वालों द्वारा दुस्साहसिक तरीके से पुलिस को दौड़ा-दौड़ा कर मारना, वीडियो बनाना बताता है कि हमलवारों को योगी-मोदी सरकार का खुला संरक्षण प्राप्त है। जिस तरह से गोली मारकर हत्या की गई उसने साफ कर दिया है कि ये हथियारबंद संगठन हैं। इस घटना ने साफ किया कि अगर इनकी अराजकता को रोकने की कोशिश किसी ने की चाहे वो पुलिस ही क्यों न हो वो उसको भी ये संगठन मौत के घाट उतार देेंगे।
बुलंदशहर से आ रही सूचनाएं तथा वायरल वीडियो के अनुसार गौगुण्डे संबन्धित चौकी क्षेत्र में गौवंश की नृशंस हत्या को लेकर उग्र हो रहे थे जिनको शांत कराने के लिए पुलिस बल प्रयास कर रहा था। पुलिस का प्रयास था कि उग्र भीड़ को शांत कर यातायात बाधित होने से रोका जाए। पुलिस के इस प्रयास को गौगुण्डों द्वारा असफल किए जाने के प्रयास से ऐसा लगता है कि घटना पूर्व नियोजित थी। उस समय जब पुलिस बल गुण्डों को समझाने बुझाने में लगा था गुण्डों द्वारा बजाए शांत होने के पुलिस बल पर हमला करना, वाहनों और पुलिस चौकी को जला देना साबित करता है कि यह समस्त कार्यवाई गौगुण्डों द्वारा पूर्व नियोजित षडयंत्र का नतीजा है। मालेगांव विस्फोट से पहले ही सूचना देने वाले सुदर्शन चैनल के प्रमुख सुरेश चौहानके ने घटना से पहले ही कल देर रात अपने निजी ट्विटर हैंडिल पर ट्विट किया है जिसमें साफ लिखा है ‘कल बुलंदशहर इज्तमे पर बहुत बड़े खुलासे सुदर्शन पर देखे’ से साफ होता है कि यह घटना सुनियोजित षडयंत्र का नतीजा है जिसके निशाने पर मुस्लिम समाज का इज्तेमा था जिसमें यूपी पुलिस के एक इस्पेक्टर की गौगुण्डों ने हत्या कर दी। 25 नवंबर को अयोध्या की धर्मसभा की विफलता के बाद एक बार फिर से मुजफ्फरनगर दोहराने की कोशिश बुलंदशहर में की गई।
बैठक में गुफरान सिद्दीकी, राॅबिन वर्मा, शाहरुख अहमद, रविश आलम, वसीम मलिक और राजीव यादव शामिल थे।
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