वर्तमान सरकार की देश में फासीवादी सांप्रदायिक राष्ट्रवाद की स्थापना की कोशिश और करोना महामारी के नाम पर भी उसी दिशा में बढ़ने की साज़िश के ख़िलाफ़ श्रमशील वर्ग की लड़ाई हर श्रम शील मनुष्य की रोटी, सम्मान, और समाज में अमन और एकजुटता के लिए है। हमारे काम के अधिकार का संघर्ष – मेहनत के अवसर, उसके पूरे दाम और सम्मान की लड़ाई सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण पर पूरी तरह रोक लगाने, शिक्षा – स्वास्थ्य समेत जीवन की सारी बुनियादी जरूरतों के उद्योगों को सार्वजनिक क्षेत्र में लिए जाने और हर नागरिक के सम्मान सहित जीवन के लिए न्यूनतम आय की गारंटी कराने के लिए है ।
सुनिए मजदूर दिवस पर वी के सिंह का महत्वपूर्ण वक्तव्य.
वीके सिंह जीवन बीमा निगम से 2010 में अवकाश प्राप्त हैं। वे वाराणसी मंडल कर्मचारी संघ के भूतपूर्व महामंत्री, प्रथम श्रेणी अधिकारी राष्ट्रीय फेडरेशन के भूतपूर्व राष्ट्रीय सचिव और केंद्रीय मुखपत्र आवर वायस के संपादक रहे हैं। उन्होंने फिदेल कास्त्रो, चे ग्वेरा और ह्यूगो चावेज़ की जीवनी लिखी है.