लखनऊ। तमिलनाडु के तूतीकोरिन में काॅरपोरेट परस्त सत्ता द्वारा स्टारलाइट कंपनी के संयत्र द्वारा पैदा किये पर्यावरण व जनजीवन के संकट के विरोध में तथा वहां के नागरिकों के आंदोलन पर पुलिसिया दमन व बर्बर लाठीचार्ज व गोलीबारी के खिलाफ लखनऊ के जनवाद पसंद नागरिकों ने विरोध प्रदर्शन व प्रतिवाद सभा की।
यह सभा हजरतगंज लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा पर हुई जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक सी बी सिंह ने की व संचालन एआईडीवाईओ के वीरेन्द्र त्रिपाठी ने किया। इसमें नागरिक परिषद, जन संस्कृति मंच, आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल, राही मासूम रज़ा फाउण्डेशन, सोशलिस्ट फाउण्डेशन आदि जन संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में पिछले कई महीनों से वेदांता की स्टरलाइट कांपर यूनिट को बंद करने की मांग को लेकर वहां की जनता द्वारा आंदोलन चलाया जा रहा था। यह कंपनी पर्यावरण के सारे मानकों का धज्जियां उड़ाते हुए अपना उत्पादन कर रही थी। इससे वहां के जनजीवन पर ऐसा असर हो रहा जिससे जानलेचा बीमारियां फैल रही हैं। पानी और हवा प्रदूषित हो चुका है। कैसर जैसी गंभीर बीमारी से लोग ग्रस्त हो चुके हैं। कइयों की जान जा चुकी है। इस संयंत्र को बन्द करने की मांग को लेकर तूतीकरन के नागरिकों का आंदोलन चल रहा था जिस पर 22 मई को पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज कर गोलियां चलाई जिससे 13 नागरिकों की मौत हो गई व सैकड़ो घायल हुए। प्रतिवाद सभा में इसे सत्ता द्वारा हत्याकांड बताते हुए विरोध जताया गया तथा इस आंदोलन के साथ वक्ताओं ने अपनी एकजुटता जाहिर की।
प्रतिवाद सभा को आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल के महामंत्री ओ पी सिन्हा, जसम के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौशल किशोर व लखनऊ इकाई के संयोजक श्याम अंकुरम, किसान नेता शिवाजी राय, कवि भगवान स्वरूप कटियार, नागरिक परिषद के रामकृष्ण व के के शुक्ला, राही मासूम रज़ा एकडमी के महामंत्री राम किशोर, लेखक बंधु कुशावर्ती आदि ने संबोधित किया।
वक्ताओं का कहना था कि यह हत्याकांड सरकार की काॅरपोरेटपरस्त नीतियों का नतीजा है। सरकार इन कंपनियों की दलाल बन चुकी है। वह जल जंगल जमीन और खनिज सम्पदा को इन कंपनियों के हवाले कर रही है चाहे इसकी कीमत जनजीवन को जो भी चुकाना पड़े, उसे इसकी परवाह नहीं। स्टारलाइट जैसी कंपनियों से सत्ताधारी दलों को बड़े पैमाने पर चंदा मिलता है और ये दल उनके हितों की बेशर्मी से रक्षा कर रहे हैं।
सभा के अन्त में प्रस्ताव के माध्यम से मांग की गई कि दोषी पुलिस-प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें सजा दी जाय, तूतीकोरिन में शहीद आंदोलनकारियों के परिजनों तथा घायलों को उचित मुआवजा दिया जाय, वेदान्ता के इस कांपर संयंत्र को तुरन्त बंद किया जाय तथा तमिलनाडु के इस क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त वातावरण बनाने हेतु उचित कदम उठाये जाएं। इस विरोध प्रदर्शन में मन्दाकिनी, उमेश मिश्रा, अखिलेश सक्सेना, रंगकर्मी महेश देवा, आर के सिन्हा, उदय सिंह, यादवेन्द्र पाल, के पी यादव आदि ने भाग लिया।