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मजदूर-किसानों और कामकाजी हिस्से की व्यापक एकता भाजपा को परास्त करेगी : दीपंकर भट्टाचार्य

जहानाबाद के गांधी मैदान में भाजपा भगाओ-गरीब बचाओ रैली के साथ खेग्रामस का राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

जहानाबाद. जहानाबाद के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 19 नवम्बर को दसियों हजार गरीब-गुरबों, मजदूरों का जुटान हुआ. यह ऐतिहासिक जुटान अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के छठे  राष्ट्रीय सम्मेलन के अवसर पर भाजपा भगाओ-गरीब बचाओ रैली के अवसर पर हुआ. जहानाबाद, अरवल, गया और अन्य इलाकों से हजारों की संख्या में आज दलित-गरीब जहानाबाद पहुंचे थे.

रैली के पहले भाकपा- माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य, माले के वरिष्ठ नेता का. स्वदेश भट्टाचार्य, खेग्रामस के महासचिव काॅ. धीरेन्द्र झा , पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद, भाकपा-माले के राज्य  सचिव कुणाल, वरिष्ठ नेता रामजतन शर्मा, खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास, राज्य अध्यक्ष वीरेन्द्र प्रसाद गुप्ता, जहानाबाद-अरवल के लोकप्रिंय नेता महानंद, श्रीनिवास शर्मा, रामाधार सिंह सहित अन्य केंद्रीय कमिटी व राज्य कमिटी के सदस्यों ने बिहार में संगठित किसान आंदोलन के नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती व बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपनी श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर प्रख्यात अर्थशास्त्री ज्यां ड्रेज भी जहानाबाद पहुंचे हैं.

जहानाबाद में रैली को संबोधित करते हुए माले महासचिव का. दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि जहानाबाद दलित-गरीबों के ऐतिहासिक व जुझारू आंदोलनों की सरजमीं रही है. यह वह जमीं रही है जहां हमने शाह चांद व का. मंजू देवी तथा वीरेन्द्र विद्रोही जैसे सैंकड़ों साथियों की शहादत दी है. सांप्रदायिक-सामंती ताकतों ने सोचा था कि दमन करके गरीबों की आवाज दबा दी जाएगी लेकिन आज गांधी मैदान में यह दसियों हजार की संख्या कह रही है कि गरीबों का आंदोलन रूकने वाला नहीं है.

उन्होंने कहा कि आज देश के गांव-गांव में नारा लग रहा है – भाजपा भगाओ-गरीब बचाओ क्योंकि ऐसी गरीब विरोधी सरकार आज तक इस देश ने नहीं देखा था. आज साढ़े चार साल में पूरा देश भयावह त्रासदी व पीड़ा से गुजर रहा है. मोदी सरकार देश के लिए हादसा साबित हुई है. इस सरकार ने देश के गरीबों का हक छीनने का काम किया है. मनरेगा जैसे जो कानून बने थे, आज उसे पूरी तरह खत्म किया जा रहा है. आदिवासियों को जमीन से उजाड़ा जा रहा है. खाद्य सुरक्षा कानून का मजाक उड़ गया है. राशन को आधार कार्ड से जोड़ा जा रहा है और इसलिए लोग आज भूख से मर रहे हैं. पूरे देश में 60-70 लोग भूख से मर गए.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार 2022 की बात करती है, आज की बात क्यों नहीं करती ? अब कोई मुद्दा नहीं मिल रहा तो एक बार फिर से राम मंदिर का राग अलाप रही है. इस सरकार के पास इंसानियत नाम की कोई चीज नहीं रह गई है.

इसलिए हमने तय किया कि देश के साथ जो यह हादसा हुआ है, उससे देश को उबारना होगा. आज हमारी आजादी, संविधान के साथ जो हादसा हुआ है वह कोई सामान्य बात नहीं है. यह सरकार सबकुछ खत्म करना चाहती है, इसलिए पहले इस सरकार को ही खतम करना होगा. इसके लिए मजदूर-किसानों, आशाकर्मियों, आंगनबाड़ियों, सफाईकर्मी, मेहनतकशों की बड़ी एकता का निर्माण करना होगा.

माले महासचिव ने कहा कि 26 नवंबर को संविधान पारित हुआ था, कागज पर ही सही लोगों को बराबरी व आजादी मिली. आज इसी को लेकर हम लड़ रहे हैं, इसी के बल पर हम भगत सिंह व अंबेडकर के सपनों को साकार करना चाहते हैं. हमने सोचा था कि देश में धर्म व जाति व नफरत को खत्म करके भाईचारा वाला समाज बनेगा लेकिन मोदी आज उस ताने-बाने को नष्ट कर देना चाहते हैं.

आज मोदी के पास हमारे सवालों का कोई जबाब नहीं है, इसलिए एक बार फिर राम मंदिर के नाम पर समाज में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिश हो रही है, इसलिए भाजपा नेेे 25 नवंबर को मंदिर बनाने के लिए अयोध्या चलने का नारा दिया है.

लेकिन यदि हम सब एक-एक गांव का दायित्व अपने उपर ले लें तो इन सांप्रदायिक शक्तियों का कुछ भी चलने नहीं दिया जाएगा और हम भाजपा को परास्त करने में पूरी तरह सफल होंगे. तब यह नफरत व झूठ की खेती हम नहीं चलने देंगे.

सभा को संबोधित करते हुए किसान महासभा के राष्ट्रीय महासचिव काॅ. राजाराम सिंह ने खेत मजदूरों व किसानों के आंदोलनों की एकता पर बल दिया और कहा कि आगामी 29-30 नवंबर को अपने सवालों पर दिल्ली जा रहे हैं और सरकार को झुकाने का काम करेंगे. सभा को माले विधायक दल के नेता महबूब आलम, विधायक सुदामा प्रसाद, विधायक सत्यदेव राम, ऐपवा की महासचिव मीना तिवारी, राज्य सचिव शशि यादव, जहानाबाद की लोकप्रिय महिला नेता कुंती देवी, महानंद आदि नेताओं ने संबोधित किया. मंच पर बिहार के बाहर के श्रीराम चौधरी, तिरूपति मेंमांगो, आदि भी उपस्थित थे. सभा की अध्यक्षता पूर्व सांसद रामेश्वर प्रसाद व संचालन काॅ. गोपाल रविदास ने किया.

इसके पूर्व गांधी में वरिष्ठ नेता प्रताप दास ने झंडोतोलन किया और फिर सभी शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. निर्माेही जी ने शहीद गीत प्रस्तुत किया.

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