भोजपुर। फोरलेन हाइवे बनाने के लिए तोड़े गए स्कूल के स्थान पर नया स्कूल बनाने और ढाई वर्ष से छात्र-छात्राओं की बाधित पढ़ाई को तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर भोजपुर के कोइलवर में एक सितम्बर को 11घंटे तक तक सड़क पर स्कूल आंदोलन चला। सैकड़ों छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों के साथ भाकपा माले के युवा विधायक मनोज मंजिल सड़क पर बैठे। यहाँ बकायदा घंटी बजाकर पढ़ाई हुई। छात्र-छात्राओं ने स्कूल के ध्वस्त होने और दो वर्ष से अधिक समय से पढ़ाई की कोई वैकल्पिक व्यवस्था न किए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया।
सड़क पर स्कूल आंदोलन के चलते पटन-बक्सर फोरलेन पर लम्बा जाम लगा। शाम चार बजे से अधिकारियों से करीब पांच घंटे तक वार्ता के बाद रात 9.30 बजे आंदोलन तब समाप्त हुआ जब अफसरों ने 12 दिन में वैकल्पिक भवन में पढाई शुरू करने की लिखित घोषणा की। अफसरों ने बताया कि नए स्कूल के लिए 1.64 एकड़ भूमि चिन्हित कर ली गई है और जल्द ही पढ़ाई शुरू होगी।
कोइलवर में स्थित तारामणि भगवान साव उच्च माध्यमिक विद्यालय को जनवरी 2019 में पटना-बक्सर फोरलेन सड़क बनाने के लिए जमींदोज कर दिया गया था। तबसे आज तक ढाई साल के बाद भी इस विद्यालय में पढ़ने वाले 1600 छात्र-छात्राओं के लिए कोई वैकाल्पिक व्यस्था नहीं की गई जिससे छात्र-छत्राओं का भविष्य बर्बाद हो रहा था। नया स्कूल बनाने और तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की मांग को लेकर अगिआंव के भाकपा माले के विधायक कॉमरेड मनोज मंजिल छात्रों-अभिभावकों के साथ भोजपुर के जिलाधिकारी मिले। मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। जिला शिक्षा पदाधिकारी के साथ किया स्कूल का दौरा भी किया। डीएम और जिला शिक्षा पदाधिकारी ने वैकल्पिक व्यवस्था कर जल्द वर्ग संचालन की बात कही लेकिन अभी तक न स्कूल का निर्माण हुआ न पढ़ाई की कोई व्यवस्था हुई।
विधायक मनोज मंजिल ने बताया कि पिछले 66 वर्ष से ये विद्यालय 12वी कक्षा तक केवल पठन-पाठन ही नहीं ज्ञान-विज्ञान, कला-संस्कृति और अंतरराज्जीय खेलकूद के लिए जाना जाता रहा। यह स्कूल एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में था और इसने क्षेत्र के शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ढाई साल पहले जनवरी 2019 में फोरलेन हाइवे बनाने के नाम पर विद्यालय को जमींदोज कर दिया गया। उस समय भी हमने इसका विरोध किया और कहा कि सड़क के नाम पर स्कूल को ध्वस्त करना कौन सा विकास है लेकिन किसी ने हमारी बात नहीं सुनी। सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया कि विद्यालय का पुनर्निर्माण जल्द कर दिया जाएगा। विडंबना की बात या भी है कि इसी विद्यालय के टूटे हुए स्टेडियम में धूम-धाम से सड़क व पुल का उद्घाटन किया गया लेकिन विद्यालय भवन के पुनर्निर्माण और 1600 विद्यार्थियों की शिक्षा और पठन-पाठन की व्यवस्था को सरकार ने भूला दिया।
इस स्थिति को देखते हुए क्षेत्र के लोगों, छात्र-छात्राओं और अभिभावकों को साथ लेकर जिस सड़क को बनाने के लिए इस स्कूल को तोड़ा गया उसी सड़क पर एक सितंबर से सड़क पर स्कूल आंदोलन शुरू कराने का फैसला हुआ।
एक सितम्बर को सुबह 10 बजे घंटी बजते ही कोइलवर के छात्र-छात्राएं पटना-बक्सर फोरलेन पर जुट गए. राष्ट्रगान के साथ कक्षा की पहली घंटी बजी और फिर घंटी वार विभिन्न विषयों की पढ़ाई हुई. इतिहास, भूगोल, समाजशास्त्र, नैतिक शिक्षा आदि विषयों की पढ़ाई हुई। स्थानीय शिक्षक हिमांशु ने सबसे पहले कोइलवर के इतिहास के बारे में जानकारी दी।
सड़क पर स्कूल आंदोलन के कारण पटना-बक्सर हाइवे पर जाम लग गया। घबराए अफसर चार बजे मौके पर पहुंचे। मौके पर आए एडीएम, एसडीएम, एसडीपीओ व अन्य अधिकारियों से छात्र-छात्राओं ने विना शर्त स्कूल निर्माण आंदोलन समाप्त करने से साफ मना कर दिया। अफसरों से खुशी ,रिपु, अंशु, आसिफ, अभिषेक ने 66 वर्ष पुराने स्कूल को ध्वस्त करने, ढाई वर्ष से अधिक समय से पढ़ाई न होने को लेकर तीखे सवाल पूछे। अफसरों को कोई जवाब देते नहीं बन रहा था। आखिरकार जब लिखित में अफसरों ने आश्वासन दिया कि 12 दिन में वैकल्पिक भवन की व्यवस्था कर पढ़ाई शुरू की जाएगी और स्कूल के लिए चिन्हित भूमि पर निर्माण शुरू किया जाएगा, तब छात्र-छात्राएं और अभिभावक आंदोलन को स्थगित करने पर राजी हुए।