ख़बरज़ेर-ए-बहस वाह फ़ैज़ प्यारे , थरथरा रहे हैं हुक्मरां सुन कर गीत तुम्हारे !इन्द्रेश मैखुरीJanuary 3, 2020January 3, 2020 by इन्द्रेश मैखुरीJanuary 3, 2020January 3, 202004968 वाह फ़ैज़ साहब,क्या कहने आपके. आपकी शायरी,आपकी नज़्में क्या तूफान मचाये हुए हैं. उत्तर प्रदेश में एक ऐसे बुजुर्ग को शांति भंग का नोटिस दिया...
ख़बरजनमत फै़ज़ को क्यों और कैसे पढे़ ?प्रणय कृष्णJanuary 3, 2020January 3, 2020 by प्रणय कृष्णJanuary 3, 2020January 3, 20205 2649 उर्दू काव्यशास्त्र में मज़मून (कंटेंट) और मानी (मीनिंग) में फर्क किया गया है। इसे समझने के लिए हमें ‘गुबारे- अय्याम’ में संकलित ‘तराना-2’ (1982) सुनना/पढ़ना...
जनमत यह सब हमारे ही समयों में होना थासमकालीन जनमतMay 14, 2018May 14, 2018 by समकालीन जनमतMay 14, 2018May 14, 201802101 मोनीजा हाशमी इस सम्मेलन में महिला सशक्तिकरण के मुद्दे पर अपनी बात रखने वाली थीं. ऐसे समय में जब बलात्कारों की सुर्खियां भारत की छवि...