स्मृति जब वो ख़ाली बोतल फेंक के कहता है दुनिया तेरा हुस्न यही बद-सूरती हैसमकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 2018 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 201802810 मंटो ने समाज की गंदगी और घिलोनेपन को अनुभाव किया और ज़िन्दगी के जहर को इस प्रकार चखा की ये जहर उनके अंदर तक उतर...
स्मृति ज़माना नाक़ाबिले-बर्दाश्त है…समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 2018 by समकालीन जनमतMay 11, 2018May 12, 201803414 मंटो की लगभग प्रत्येक कहानी दारूण यथार्थ से आंख मिलाने का साहस रखती है। ऐसी गूँज पैदा करती है कि वह मानवता के पक्ष में...