समकालीन जनमत

Tag : Rajender Detha

कविता

राजेन्द्र देथा की कविताओं में सहज मनुष्‍यता के उत्‍प्रेरक चित्र हैं

समकालीन जनमत
कुमार मुकुल शिशु सोते नहीं अर्द्धरात्रि तक विश्राम भी नहीं करेंगे वे थोड़ा और हँसेंगे अभी और बताएंगे तुम्हें कि हँसना क्या होता है? सोते...
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