कविता बादल की कविता जीवन की कविता है : रविभूषणसुधीर सुमनOctober 15, 2018October 16, 2018 by सुधीर सुमनOctober 15, 2018October 16, 201805248 बादल की कविताएं वर्गीय दृष्टि की कविताएं हैं : रामजी राय ‘शंभु बादल का कविकर्म’ पर हजारीबाग में आयोजन हजारीबाग के डीवीसी, प्रशिक्षण सभागार में...
साहित्य-संस्कृतिस्मृति प्रेमचंद ने राष्ट्रवाद की अवधारणा के फासीवादी चरित्र को काफी पहले ही देख लिया था : प्रो. रविभूषणसमकालीन जनमतAugust 1, 2018 by समकालीन जनमतAugust 1, 20184 2737 प्रेमचंद ने आज से काफी पहले ही आवारा पूंजी के ग्लोबल चरित्र और उसके साम्राज्यवादी गठजोड़ की शिनाख्त कर ली थी . उन्होंने राष्ट्रवाद की...