समकालीन जनमत

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पुस्तक

विनोद पदरज के ‘देस’ की कविताओं में भारतीय लोक अपनी विडंबनाओं व ताकत के साथ व्यक्त हुआ है

कुमार मुकुल
  ‘देस’ में संकलित विनोद पदरज की कविताएँ इंडिया से अलग भारतीय लोक की सकारात्‍मक कथाओं को उनकी बहुस्‍तरीय बुनावट के साथ प्रस्‍तुत करती हैं। इन...
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