समकालीन जनमत

Tag : हिन्दी साहित्य

साहित्य-संस्कृति

   प्रगतिशील साहित्य के पक्ष में बहस का एक तेवर : केदारनाथ अग्रवाल का आलोचनात्मक लेखन

गोपाल प्रधान
केदारनाथ अग्रवाल के आलोचनात्मक लेखन पर उनके जीवनकाल में ध्यान नहीं दिया गया । रामविलास शर्मा भी उनके गद्य की तारीफ़ उनकी चिट्ठियों के प्रसंग...
पुस्तक

टूटे पंखों से परवाज़ तक: आत्मीयता की अंतहीन तलाश

भारत में हिंदी साहित्य के विकास क्रम को देखें तो पता चलता है कि 19वीं शताब्दी से पहले साहित्य का विषय सिर्फ ईश्वर, राजा, सामंत...
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