समकालीन जनमत

Tag : स्याही में सुर्खाब के पंख

कहानी

अल्पना मिश्र की कहानी : स्याही में सुर्खाब के पंख

समकालीन जनमत
जनतंत्र में 'जन' को नकार कर या पूरी तरह नियंत्रित मान लेना सही आकलन नहीं होगा, क्योंकि 'जन ' में अभी भी असहमति का साहस...
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