समकालीन जनमत

Tag : लोक गीत

कविता

लोक गीतों में चौरी चौरा विद्रोह -‘ माई रहबू ना गुलाम, न बहइबू अंसुआ ’

समकालीन जनमत
( ये लोकगीत कथाकार -लेखक सुभाष कुश्वाहा की पुस्तक  ‘चौरी चौरा विद्रोह और स्वाधीनता आंदोलन ’ से लिए गए हैं )   दोहा गोरखपुर में...
Fearlessly expressing peoples opinion