पुस्तक अवधेश त्रिपाठी की आलोचना पद्धति में लोकतंत्र के मूल्य प्राण की तरह हैदुर्गा सिंहApril 29, 2020April 30, 2020 by दुर्गा सिंहApril 29, 2020April 30, 20205 2043 किसी भी आलोचक के लिए जरूरी होता है, कि वह बाह्य जगत के सत्य और रचना के सत्य से बराबर-बराबर गुजरे। आलोचना के लिए...
जनमतपुस्तक ‘बड़ी कविता को वक्त के सवालों और सन्दर्भों से जोड़कर उसका एक नया पाठ करना होगा’योगेंद्र आहूजाSeptember 24, 2019September 24, 2019 by योगेंद्र आहूजाSeptember 24, 2019September 24, 201902866 अवधेश त्रिपाठी की इस आलोचना पुस्तक में हिंदी की आधुनिक कविता के पांच प्रमुख कवियों के कृतित्व की विवेचना है । वे हमारे देश के...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक ‘कविता का लोकतंत्र’ पर परिचर्चासमकालीन जनमतSeptember 24, 2019September 24, 2019 by समकालीन जनमतSeptember 24, 2019September 24, 201902999 अनुपम सिंह जन संस्कृति मंच की घरेलू गोष्ठी में अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक “कविता का लोकतंत्र” पर परिचर्चा संपन्न हुई . यह परिचर्चा दिनांक 21...