समकालीन जनमत

Tag : सेंसर

ज़ेर-ए-बहस

आलोचनात्मक साहित्य को सेंसर करना देश को कमजोर बनाता है:लेखक और सांस्कृतिक संगठन

समकालीन जनमत
सिलेबस से बाहर की गई रचनाओं को बहाल करे दिल्ली विश्वविद्यालय- दस संगठनों का संयुक्त बयान साम्प्रदायिक फासिस्ट शक्तियां स्वभावतः साहित्य, संस्कृति और वैज्ञानिक शिक्षा...
Fearlessly expressing peoples opinion