महात्मा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) में छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर आंदोलन तेज होता जा रहा है। छात्र चार दिन से धरने पर बैठे हैं.
वर्ष 2017 में छात्रों द्वारा छात्रसंघ की मांग को लेकर धरना दिए जाने पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया। छात्रसंघ की नियमावली बनाने की सूचना दे छात्रों द्वारा चुनाव से सम्बंधित सुझाव माँगा गया तथा आश्वस्त किया गया कि इस वर्ष छात्रसंघ चुनाव करवाना संभव नहीं है क्योंकि आधा सत्र समाप्त हो गया है. इसलिए अगले वर्ष 2018 सितम्बर में चुनाव करवाना उपयुक्त रहेगा.
इस वर्ष जब विभिन्न छात्र संगठनों एवं प्रगतिशील शोधार्थियों द्वारा छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर आवेदन देने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी तो विश्वविद्यालय के छात्र संगठन आइसा, ए.आई.एस.एफ. एवं अन्य छात्र संगठनो के छात्र, छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले संगठित हो दिनांक 7 सितम्बर से धरने पर बैठे है. उनकी मांग है जो लिंगदोह समिति के अनुसार सभी शैक्षणिक संस्थान में छात्रसंघ चुनाव अनिवार्य है जो छात्रों का प्रतिनिधित्व कर सके परन्तु विश्वविद्यालय प्रशासन इस नियम का उल्लंघन करते हुए अपनी तरफ से दो छात्र प्रतिनिधि चुन लिंगदोह की सिफारिश की खाना पूर्ती करने में लगा है जो पूर्ण रूप से असंवैधानिक है. विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि जब तक छात्रसंघ का चुनाव नहीं हो जाता तब तक हम गाँधी जी के पदचिन्हों पर चलते हुए सत्याग्रह के विभिन्न रूपों से अपनी मांग जारी रखेंगे.
छात्रों ने चेताया है कि यदि चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गयी तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे और 15 अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह का बहिष्कार करेंगे.