कवि केशव तिवारी ने कलिंगा सम्मान के प्रायोजकों के साथ अपनी वैचारिक असहमति दर्ज करते हुए इस सम्मान को स्वीकार न करने का फैसला किया है। इस सम्बंध में उनके द्वारा जारी बयान इस प्रकार है-
मेरी कविता की किताब ‘नदी का मर्सिया तो पानी ही गायेगा’ कलिंगा सम्मान के लिए शॉर्ट लिस्ट हुई है l जो फेसबुक के माध्यम से पता चल रहा है, फेसबुक लिंक के लिए यहाँ क्लिक करें-https://www.facebook.com/share/p/19ku2SoLTD/
मैंने यह किताब ऐसे किसी पुरस्कार के लिए नहीं भेजी है, फिर भी मेरी कविताओं को सम्मान के योग्य समझा गया, इस बात के लिए धन्यवाद।
ज्ञात हुआ है कि इसके प्रायोजकों में अडानी समूह मौजूद हैं। अडानी के वैध-अवैध सम्बन्ध वर्तमान साम्प्रदायिक सत्ता से हैं। सत्ता और प्रायोजकों से गहरे वैचारिक मतभेद के चलते मैं स्पष्ट करना चाहता हूँ कि इस पुरस्कार की किसी लिस्ट में मुझे शामिल न किया जाए।
अपने को इस सम्मान/ पुरस्कार की प्रक्रिया से मैं पूरी तरह अलग करता हूँ। उसे स्वीकार करने अथवा उसपर विचार करने मै अपनी असमर्थता प्रकट करता हूँ l
-केशव तिवारी