इंडियन रेलवे ईम्पलाइज फेडरेशन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 19 दिसम्बर को रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में हुई। बैठक में सर्वसम्मति से ऐक्टू सहित देश भर की 12 प्रमुख केंद्रीय ट्रेड यूनियनों की तरफ से प्रस्तावित 23-24 फरवरी 2022 की आम हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया गया।
बैठक में नई पेंशन स्कीम, रेलवे निजीकरण, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना रेलवे में 100% एफडीआई, पीपीपी मॉडल लागू करने, श्रम कानूनों में पूंजीपतियों के पक्ष में बदलाव करने के खिलाफ तथा नई भर्ती आदि की मांग को लेकर ऑनलाइन पर साक्षर अभियान शुरू करने, ब्रांचों, डिवीज़नों, जोनों में जन-अभियान चलाने और मार्च महीने दिल्ली में जंतर मंतर पर बड़ा प्रदर्शन करने का फैसला किया गया।
मीटिंग की अध्यक्षता फेडरेशन के सम्मानित अध्यक्ष का. रवि सेन ने की। मीटिंग में ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियंस (एक्टू) के महासचिव राजीव डिमरी विशेष रूप से उपस्थित रहे। मीटिंग का संचालन का जुमेरदीन, संगठन सचिव ने किया। मीटिंग में आईआरईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज पांडे, महासचिव सर्वजीत सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अमरीक सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ कमल उसरी, राजेंद्र पाल, किशानु भट्टाचार्य, कृष्ण कुमार, उम्मेद सिंह चौहान, मृत्युंजय कुमार, संजीव सक्सेना, संतोष पासवान, मनीष हरिनंदन, रतन चंद, संजय तिवारी, हरिकेश, चंद्रभान, भरत राज, रमेश कुमार आदि ने रेलवे के 13 जोन से भाग लिया।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि भारतीय रेलवे पर निजीकरण के गहरे संकट मंडरा रहे हैं, केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को टुकड़ों में बांटकर दुनिया भर के पूंजीपति लुटेरों को सौंपना चाहती है, इसीलिए कर्मचारियों की भर्ती से इंकार कर ठेकेदारी, आउटसोर्सिंग आदि को बढ़ा कर यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा। श्रम कानूनों पर कुठाराघात कर किया जा रहा है। ऐसी नीतियों के खिलाफ फेडरेशन पूरी शिद्दत के साथ संघर्ष की तैयारी में है। वक्ताओं ने रेलवे के सभी संगठनों को एक मंच पर आने की अपील करते हुए कहा कि एतिहासिक किसान आंदोलन व उसकी जीत ने हमें एकजुट होकर लड़ने की शिक्षा दी है और इसी रास्ते पर चलकर ही हम कर्मचारी अपने आप को, देश के लोगों को तथा देश को बचा पाएंगे अन्यथा आने वाली पीढ़ियां हमें कभी माफ नहीं करेंगी।