पटना। भाकपा-माले, सीपीएम, सीपीआई, ऑल इंडिया फारवर्ड ब्लॉक और आरएसपी द्वारा संयुक्त रूप से फिलिस्तीन में जारी जनसंहार पर तत्काल रोक लगाने की मांग पर 7 से 10 नवंबर तक चलने वाले देशव्यापी विरोध अभियान के तहत सात नवंबर को पटना के बुद्ध स्मृति पार्क पर नागरिक प्रतिरोध सभा आयोजित हुई और फिलिस्तीनी जनता के साथ एकजुटता प्रदर्शित की गई।
प्रतिरोध सभा को भाकपा-माले के वरिष्ठ नेता केडी यादव, शशि यादव, सीपीएम के सर्वोदय शर्मा व अरूण मिश्रा, सीपीआई की निवेदिता झा, एसके शर्मा, प्रकाश कुमार, रणविजय कुमार, कमलेश शर्मा, जितेंद्र कुमार, समता राय आदि ने संबोधित किया। नागरिक समाज की ओर से पीयूसीएल के सरफराज, प्रो. विद्यार्थी विकास, विनेद कुमार, मो. आरजू, अशर्फी सदा आदि भी शामिल हुए। मौके पर मुर्तजा अली, शंभूनाथ मेहता, नसीम अंसारी, कुमार दिव्यम, नीरज यादव, प्रीति आदि उपस्थित थे।
संचालन भाकपा-माले के पटना महानगर सचिव अभ्युदय, सीपीआई के जितेन्द्र कुमार, शंकर साह, अमरीका महतो आदि ने किया।
वाम दलों के नेताओं ने कहा कि अमेरिकी साम्राज्यवाद की नीतियों का हम पुरजोर विरोध करते हैं, जो गाजा में जारी बर्बर जनसंहार पर तत्काल रोक लगाने की बजाए इजरायली रक्षा बलों को वित्तपोषण, हथियार और समर्थन दे रहा है। गाजा में एक खुल जनसंहार रचाया जा रहा है और एक समूचे देश के वजूद को मिटा देने की कोशिश है। युद्ध व मानवाधिकार से जुड़े तमाम अंतरराष्ट्रीय नियम व मान्यताएं स्थगित कर दी गई हैं. ‘घेर कर मारेंगे और रोने भी नहीं देंगे’ की तर्ज पर अमरीका के नेतृत्व में खुली दादागिरी चल रही है।
वाम नेताओं ने कहा कि मोदी सरकार फिलिस्तीन के आम अवाम के मुक्ति आंदोलन के दशकों पुरानी नीति को पलटते हुए अमेरिका-इजरायल गठजोड़ का शर्मनाक समर्थन कर रही है और इस स्थिति का उपयोग भारत में मुस्लिमों के खिलाफ नफरत भड़काने में कर रही है। आज से अमेरिका के विदेश मंत्री व रक्षा सचिव भारत की यात्रा पर हैं और उनके साथ भारत सरकार के प्रतिनिधियों की द्विपक्षीय वार्ता होने वाली है। ऐसे में पूरा देश मोदी सरकार से यह मांग कर रहा है कि वह अंतराष्ट्रीय स्तर पर युद्ध रोकने की उठ रही मांगों का पुरजोर तरीके से समर्थन करे।
वक्ताओं ने आगे कहा कि फिलिस्तीन पर लगातार जारी अमरीकी-इसरायली हमले के आज एक महीना पूरा हो चुके हैं, इस बीच गाजा में 10 हज़ार से ज़्यादा बेगुनाह जानें जा चुकी हैं जिनमें लगभग 6 हज़ार बच्चे व महिलाएं शामिल हैं. रिहायशी इलाकों, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, मस्जिदों, राहत कैंप व एम्बुलेंसों पर बमबारी जारी है. बिजली, पानी, रसद व जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति काट दी गई है।
दुनिया भर में लाखों लोग सड़कों पर आकर न सिर्फ़ इसका विरोध करते हुए तत्काल शांति की मांग कर रहे हैं बल्कि अपनी सरकारों पर फिलिस्तीनी अवाम के पक्ष में खड़े होने का दबाव बना रहे हैं। इन विरोध प्रदर्शनों में अमरीका और यूरोप के लाखों लोगों के साथ ‘हमारे नाम पर नहीं’ के नारे के साथ यहूदी समुदाय के लोग भी सड़कों पर हैं। भारत की आम जनता पूरी तरह से फिलिस्तीनियों के साथ खड़ी है।