पटना। चर्चित इतिहासकार प्रो. रतनलाल पर मुकदमा, गिरफ्तारी व फिर रिहाई तथा प्रो. रविकांत व फिल्मकार अविनाश दास पर किए गए मुकदमे के खिलाफ 22 मई को पटना में नागरिक प्रतिवाद किया गया. कार्यक्रम एआइपीएफ, आइसा, इनौस व जसम के संयुक्त बैनर से हुआ.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से खेग्रामस के महासचिव धीरेन्द्र झा, वरिष्ठ माले नेता केडी यादव, ऐपवा की राज्य सचिव शशि यादव, माले नेता प्रकाश कुमार, टेंपो यूनियन के नेता मुर्तजा अली, कर्मचारी नेता रामबलि प्रसाद,जसम के पटना के पूर्व संयोजक राजेश कमल, प्रशांत विप्लवी, जसम के अनिल अंशुमन व प्रमोद यादव, कोरस की अनु, आइसा के विकास यादव व कुमार दिव्यम, इनौस के विनय कुमार तथा माले के युवा नेता पुनीत पाठक, संतोष आर्या, निशांत कुमार सहित कई लोग उपस्थित थे. संचालन एआइपीएफ के कमलेश शर्मा ने किया.
वक्ताओं ने कहा कि प्रो. रतनलाल को ज्ञानवापी मामले में फेसबुक पर एक पोस्ट लिखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. यह पोस्ट ज्ञानवापी मामले में संघ बिग्रेड द्वारा फैलाए जा रहे झूठ व नफरत के अभियान के खिलाफ सच्चाई को सामने लाने वाला पोस्ट था.
फिल्मकार अविनाश दास पर मुकदमा इसलिए दर्ज कर दिया गया कि उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह की एक तस्वीर शेयर की, जिसमें वे झारखंड की भ्रष्ट अफसर के साथ हैं.
वक्ताओं ने कहा कि जो लोग झूठ का कारोबार करते हैं, उन्हें खुली छूट मिली हुई है, लेकिन जो लोग सच्चाई सामने ला रहे हैं, उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है. यह सीधे-सीधे प्रतिरोध की आवाज को दबा देने व डरा देने की साजिश है. लेकिन इससे भाजपा के फासीवादी एजेंडे के सामने लोकतंत्र के पक्ष में उठने वाली आवाज कभी कमजोर नहीं होंगी. संविधान सबको बोलने का अधिकार देता है. इसलिए आज लोकतंत्र व संविधान को खत्म करने वाली ताकतों के खिलाफ चौतरफा आंदोलन वक्त की जरूरत है.