पटना. भाकपा-माले ने आरोप लगाया है कि मुजफ्फरपुर के दामोदरपुर में सांप्रदायिक ताकतों के दवाब में बिहार पुलिस काम कर रही है. नियम-कानून की धज्जियां उड़ाकर नीतीश कुमार के पूर्व मंत्री अजीत कुमार तथा भाजपा-विश्व हिन्दू परिषद् के दबाव में पुलिस ने दामोदरपुर बाजार में आधी रात को घर में घुस कर निर्दोष मुसलमानों की गिरफ्तारी की. इसमें एक वृद्ध महिला की मौत भी हो गई.
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने, गिरफ्तार निर्दोष लोगों को रिहा करने, अन्य निर्दोषों पर आगे किसी भी प्रकार की कार्रवाई पर रोक लगाने तथा सांप्रदायिक उन्माद-उत्पात भड़काने वाले हिन्दूवादी संगठनों व नेताओं पर सख्त कार्रवाई की मांग करती है.
भाकपा-माले और इंसाफ मंच ने कहा है कि ’बकरीद के दिन दामोदरपुर बाजार के आगे स्थित ईदगाह चैक पर सांप्रदायिक उत्पात भड़काने के लिए कांटी के पूर्व विधायक और नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री अजीत कुमार मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं. अजीत कुमार पर मामले को भड़काने तथा उत्पात मचाने का मुकदमा दर्ज करते हुए उनकी अविलंब गिरफ्तारी की भी मांग पार्टी करती है.
दामोदरपुर में पुलिस ज्यादती की रिपोर्ट
विगत 13-14 अगस्त को भाकपा-माले मुजफ्फरपुर नगर सचिव व इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष सूरज कुमार सिंह, इंसाफ मंच के नेता आफताब आलम, असलम रहमानी, जफर आजम, रेयाज खान और आइसा के विकेश कुमार, दीपक कुमार व अजय कुमार की एक संयुक्त टीम ने मुजफ्फरपुर के दामोदरपुर गांव पहुंच कर आम लोगों से भेंट-मुलाकात की तथा पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से बात की. इस दौरान दामोदरपुर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों से तल्खी और नोकझोंक भी हुई.
स्थानीय लोगों से बातचीत के उपरांत घटनाक्रम इस प्रकार उभरकर सामने आया. 12 अगस्त की सुबह में बकरीद के दिन मुजफ्फरपुर से 4-5 किलोमीटर पश्चिम कांटी प्रखंड के अंतर्गत दामोदरपुर मुख्य बाजार के बाद ईदगाह चैक पर चकमुरमुर, शुभंकरपुर, दामोदरपुर के पश्चिमी टोले के मुस्लिम समुदाय के लोग ईद की नमाज अता करने जुटे थे. इसी दौरान अंतिम सोमवारी पर बोलबम वालों का एक जत्था वहां डीजे के साथ पहुंच कर धार्मिक जयकारा लगाने लगा. वहां पर मौजूद मुस्लिम समुदाय के लोगों और पुलिस ने डीजे बजाने और धार्मिक जय-जयकार करने से मना किया, लेकिन बोलबम का जत्था अड़ा रहा और फिर नोकझोंक पर उतारू हो गया.
पुलिस और कुछ स्थानीय लोगों ने डीजे को ठेल कर आगे करने की कोशिश की, लेकिन बोलबम वालों का जत्था और आक्रामक होता चला गया. पुलिस भी उन्हें समझाने और हटाने में लगी रही लेकिन बवाल बढ़ता गया. वहां से सटे चकमुरमुर और शुभंकरपुर गांव से भी लोग आकर बोलबम वालों के साथ पुलिस और ईदगाह चैक पर खड़े लोगों पर पत्थराव करने लगे. तब तक शहर से वरीय अधिकारी भी पहुंच गए और वे मामले को शांत कराने की कोशिश करते रहे. लेकिन सैकड़ों की संख्या में जुटे बोलबम के समर्थक जोरदार पत्थराव करते रहे जिसमें कई पुलिस वाले भी घायल हो गये. अंततः पुलिस ने भी दंगा पर उतारू उत्पातियों पर लाठी चार्ज करते हुए खदेड़ना शुरू कर दिया.
डीएम, एसपी, डीआईजी और कमिश्नर के पहुंचने पर उत्पातियों को भगाया जा सका. इस दौरान पांच उत्पातियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
नेपथ्य में कांटी विधान सभा के पूर्व विधायक सह नीतीश सरकार के पूर्व मंत्री अजीत कुमार (जो लोकसभा चुनाव के पूर्व ‘हम’ पार्टी में थे लेकिन चुनाव के दौरान ही ‘हम’ छोड़ने की घोषणा की थी) ने पुलिस-प्रशासन पर पक्षपात करने तथा बोलबम वालों पर ज्यादती करने का आरोप लगाते हुए लोगों को भड़काने में जुटे रहे. यह भी चर्चा है कि अजीत कुमार अपने राजनीतिक स्वार्थ में पहले से ही पूरे मामले को भड़का रहे थे.
बहरहाल पुलिस-प्रशासन ने दोनों पक्ष के सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बैठा कर शांति कायम रखने की अपील की और उस क्षेत्र में 144 धारा लागू कर बड़ी संख्या में पुलिस को उतार दिया. पुलिस ने दोनों पक्ष के 41 लोगों पर नामजद तथा 500 अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की.
13 अगस्त की सुबह उस क्षेत्र में कोई घटना नहीं घटी और चौक की दुकानें भी खुली. लेकिन विश्व हिन्दू परिषद् के दर्जन भर लोगों ने घटना स्थल से काफी दूर बैरिया बस स्टैंड चैराहे को जाम कर पुलिस पर पक्षपात करने का आरोप लगाते हुए बोलबम के लोगों से मारपीट व उनके डीजे तोड़ने के लिए जिम्मेवार अल्पसंख्यकों पर कार्रवाई करने की मांग की. पुलिस-प्रशासन के आश्वासन के बाद जाम खत्म हुआ. और इसके बाद पुलिस का असली रूप खुलकर सामने आ गया.
13 अगस्त की रात्रि में पुलिस दामोदरपुर मुख्य बाजार स्थित मुस्लिम समुदाय के घरों में जबरन घुसकर गाली-गलौज व मारपीट करने लगी. लोगों का यहां तक कहना है कि जय श्रीराम के नारे लगाए गए. 11 मुस्लिम लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. एक घर का दरवाजा तोड़ कर दो भाइयों को गिरफ्तार किया गया, जब उनकी मां ने विरोध किया तो उनके साथ भी मारपीट की गई. उन्हें जोर से धकेल दिया गया. जिसके कारण वे बुरी तरह घायल हो गईं और अगले दिन अस्पताल में उनकी मौत हो गई.
जबकि 12 अगस्त को दामोदरपुर बाजार के मुस्लिम समुदाय ईदगाह चौक पर उपस्थित भी नहीं थे. वे लोग बाजार स्थित मस्जिद में ही ईद की नमाज अता कर रहे थे. यहां मुस्लिम समुदाय की अच्छी-खासी आबादी है और हिन्दूवादी संगठन उत्पात मचाने और इनको फंसाने में अक्सर जुटे रहते हैं. साल भर पहले भी सांप्रदायिक तनाव फैलाने की साजिश की गई थी.
13 अगस्त की रात में दामोदरपुर से आगे के चकमुरमुर/शुभंकरपुर गांव से 6 मुस्लिमों व 6 हिन्दुओं जो दलित व पिछड़े हैं, को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
दामोदरपुर बाजार मुहल्ले में गिरफ्तारी और इस दौरान एक महिला की मौत से गुस्साये मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दामोदरपुर मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. एसडीओ, वरीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी ने वार्ता कर जिनकी मां की मृत्यु हुई थी, उनके गिरफ्तार दोनों बेटों को छोड़ दिया. लेकिन अभी भी तनाव बना हुआ है.