पटना. पटना के बकरी बाजार में बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये दुकानदारों को उजाड़ने के खिलाफ आज पूरा पटना न्यू मार्केट बंद रहा.
दुकान टूटने के कारण मानसिक आघात के कारण दो लोग की मौत हो गयी है. उनके लिए 10-10 लाख मुआवजा की माँग की गयी. टूटे हुए दुकानों के लिए अविलम्ब मुआवजा और वैकल्पिक दुकान की व्यवस्था की माँग की गयी.
बकरी बाजार बंद को भाकपा-माले ने अपना सक्रिय समर्थन दिया, जिसे भाकपा माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने नेतृत्व किया. बन्द में पटना नगर कमिटी सदस्य मुर्तज़ा अली, रेवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन के नेता सुधीर कुमार, आइसा नेता संतोष आर्या, सत्यम, ग़ालिब जी,पटना न्यू मार्केट के फैसल इमाम, शहज़ादे आलम, कौशल जी, गुड्डू, शाहबुद्दीन, शकील खान, शाहाब भाई, बब्बू बाबू, मुन्ना नेता, अरुण जी,राकेश कुमार साह, दिलीप कुमार, मो इरफ़ान ,अशोक कुमार ,आफताब आलम समेत हज़ारो दुकानदार, नागरिक शामिल रहे.
माले विधायक ने कहा कि स्टेशन परिसर से लेकर जीपीओ गोलंबर तक हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद, जिसमें कहा गया है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए दुकानदारों को उजाडा नहीं जा सकता है भाजपा जदयू की सरकार और जिला प्रशासन हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए दुकानदारों को उजाड़ने में लगी हुई है.
विदित हो कि खास महल की जमीन पर हजारों दुकानें विगत 70 वर्ष लग रहे हैं और तकरीबन 100000 परिवार का भरण पोषण इसके जरिए होता है। बिहार सरकार इन दुकानदारों के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था तो नहीं कर पा रही है लेकिन उजाड़ने में जी जान से जुटी हुई है।
उन्होंने मांग की कि दूकानों का सर्वेक्षण और पैमाइश करके एक सूची व्यवसायियों के संघ और सरकार की सहमति से बनायी जाए।