लखनऊ/ पटना। राष्टीय सुरक्षा कानून के तहत जेल में बंद गोरखपुर के बाल रोग चिकित्सक डा. कफील खान को रिहा करने की मांग को लेकर भाकपा माले, आइसा, इंकलाबी नौजवान सभा, इंसाफ ने 19 जुलाई को यूपी और बिहार में सैकड़ों स्थान पर विरोध प्रदर्शन किया। ये विरोध प्रदर्शन लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए कार्यालयों और घरों में किए गए।
इन संगठनों ने 19 जुलाई को दोनों राज्यों में डा. कफील खान की रिहाई की मांग को लेकर प्रतिवाद दिवस मनाने का आह्वान किया था। इसके तहत भाकपा माले, आइसा, इंकलाबी नौजवान सभा, इंसाफ के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने यूपी में गोरखपुर, देवरिया, बलिया, लखनऊ , मिर्जापुर, सोनभद्र, इलाहाबाद, आजमगढ़ मउ, चंदौली, गाजीपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, रायबरेली सहित कई जिलों में विरोध प्रदर्शन आयोजित हुए।
बिहार में पार्टी के राज्य सचिव कुणाल, केंद्रीय कमिटी के सदस्य बृजबिहारी पांडेय, ऐपवा की बिहार राज्य अध्यक्ष सरोज चैबे, प्रदीप झा, राज्य कमिटी के सदस्य प्रकाश कुमार, विभा गुप्ता आदि नेताओं ने पोस्टर लेकर डाॅ. कफील की अविलंब रिहाई की मांग की।
आरा में माले विधायक सुदामा प्रसाद, राजू यादव, जवाहर लाल सिंह, गड़हनी में इनौस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज मंजिल, जगदीशपुर में इनौस के राज्य अध्यक्ष अजीत कुशवाहाय मनेर में आइसा के राष्ट्रीय महासचिव संदीप सौरभ, पूर्णिया में आइसा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मोख्तार, आरा में राज्य सचिव सबीर कुमार, दरभंगा में संदीप चैधरी व प्रिंस कर्ण, कटिहार में काजिम इरफानी के नेतृत्व में प्रतिवाद संगठित किया गया.
मुजफ्फरपुर से डाॅ. कफील खान का विशेष संबंध रहा है। यहां पर जगह-जगह प्रदर्शन किये गए. गायघाट में आयोजित कार्यक्रम में माले के वरिष्ठ नेता जितेन्द्र यादव, विवेक कुमार, विकास कुमार, अशोक कुमार शामिल हुए. शहर में जिला सचिव कृष्णमोहन के नेतृत्व में विरोध दर्ज किया गया. मुशहरी ब्लाॅक में आइसा व इनौस ने प्रदर्शन किया. ऐपवा की कार्यकर्ताओं ने भी इसमें हिस्सा लिया. मुजफ्फरपुर में इंसाफ मंच के सूरज कुमार सिंह, आफताब आलम, फहद जमां आदि के नेतृत्व में इन संगठनों के कार्यकर्ताओं ने डाॅ. कफील की रिहाई की मांग उठाई. दरभंगा में इंसाफ मंच के राज्य उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने प्रतिवाद किया.
सिवान में माले विधायक सत्यदेव राम व पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, बारसोई में महबूब आलम, धनरूआ में खेग्रामस के राज्य सचिव गोपाल रविदास, पालीगंज में अनवर हुसैन, अरवल में महानंद, जहानाबाद में रामबलि सिंह यादव आदि प्रमुख नेताओं ने प्रतिवाद दर्ज किया.
आरा, पटना ग्रामीण, जहानाबाद, सिवान, अरवल, नालंदा, पूर्णिया, रोहतास, गया, नवादा, समस्तीपुर, सहरसा, दरभंगा, मधुबनी आदि तमाम जिला केंद्रों और प्रखंडों-गांवों में घर से रहकर प्रतिवाद दर्ज किया गया.
इस मौके पर पटना में राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि सरकार की नीतियों – फैसलों का विरोध करने के कारण डॉ. कफील पर रासुका लगाकर जेल में बंद कर देना योगी सरकार का फासीवादी कदम है. अभी संकट की घड़ी में वे बाहर होते तो हम सबके काम आते.