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मोदी सरकार ने देश को बर्बाद किया : दीपंकर भट्टाचार्य

रैली और सभा के साथ भाकपा माले के 12 वें राज्य सम्मेलन का आगाज

पीलीभीत। भाकपा माले के महासचिव कॉमरेड दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मोदी सरकार ने देश को बांटा है, बर्बाद किया है और देश की जनता को धोखा दिया है। यह सरकार डिस्ट्रॉय एंड रूल, डिसिव एंड रूल और डाइवर्ट एंड रूल की विनाशकारी नीति पर चल रही है। देश की जनता मोदी सरकार से हिसाब बराबर करने के लिए तैयार है। उत्तर प्रदेश और बिहार जिसने 2014 के चुनाव में 100 से अधिक सीट बीजेपी को दी थी , 2019 में भाजपा को जीरो पर आउट कर अपने साथ हुए डबल धोखे का हिसाब चुकायेगी।

कॉमरेड दीपंकर आज दोपहर भाकपा माले के 12वें राज्य सम्मेलन के मौके पर कॉमरेड बृजबिहारी लाल-झांझन लाल नगर ( पीलीभीत बैंक्वेट हाल) में सभा को संबोधित कर रहे थे।

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि आज का दौर एक ऐसा दौर है जो पुराने किसी दौर से नहीं मिलता। हमने आपातकाल का  दौर देखा है, आर्थिक संकट के दौर देखे हैं, साम्प्रदयिक हिंसा का दौर देखा है लेकिन 2014 में मुल्क के साथ जो हादसा हुआ उसका कोई पुराना अनुभव नहीं है। आज मुल्क मोदी राज में तबाही, बर्बादी के दौर से गुजर रहा है और आज सिर्फ एक अहम सवाल है कि ये तबाही का दौर कैसे समाप्त होगा।

उन्होंने मोदी सरकार पर देश को बांटने, धोखा देने और बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार के पास सिर्फ और सिर्फ एक एजेंडा है कि किसी भी तरह सत्ता में बने रहे चाहे इनके लिए संविधान, लोकतंत्र बचे या न बचे। मोदी सरकार अंग्रेजी हुकूमत की बांटो और राज करो की नीति से कई कदम आगे बढ़ गई है और वह डिस्ट्रॉय एंड रूल, डिसिव एंड रूल और डाइवर्ट एंड रूल की विनाशकारी नीति पर चल रही है। इस सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं , लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की कुचलने के काम किया। देश और नागरिकों को धोखा दिया है और बुनियादी सवालों से ध्यान भटकाने के लिए कभी पाकिस्तान से जंग, राम मंदिर , अर्बन नक्सल जैसे मुद्दे खड़े किए हैं।

उन्होंने कहा कि जनता भाजपा-आरएसएस के धोखे को समझ गई है। उत्तर प्रदेश और बिहार ने 2014 के चुनाव में 100 से अधिक सीटें देकर मोदी को सत्ता में पहुंचाया था। आज दोनों प्रदेश की जनता 2019 के चुनाव में भाजपा को जीरो पर आउट कर अपने साथ हुए डबल धोखे का हिसाब चुकाने के लिए तैयार है।

माले महासचिव ने कहा कि जिस पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा-आरएसएस ने साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण किया था वहां के किसानों ने जिन्ना नहीं गन्ना का नारा देते हुए कैराना लोकसभा चुनाव में भाजपा को सबक सिखाया और फिर दो अक्टूबर को आँसू गैस, लाठी , पानी की बौछार झेलते हुए दिल्ली मार्च कर कर मोदी सरकार को बता दिया कि उनकी आवाज ही देश की आवाज है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार नहरों में पानी नहीं पहुंचा पा रही है लेकिन किसानों को रोकने के लिए उन पर पानी की बौछार कर रही है।

मंहगाई, भ्रष्टाचार पर भाजपा पर जोरदार हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का हर नारा उल्टा पड़ गया है। पेट्रोल की कीमत 100 रुपए छूने को बेताब है, डॉलर के मुकाबले रुपया 74 तक पहुंच गया है। मोदी सरकार के घोटाले नए -नए कीर्तिमान बना रहे हैं। रफाल घोटाला के आगे बोफोर्स घोटाला बच्चा साबित हुआ है। बड़े पूंजीपतियों के दस लाख करोड़ कर्ज माफ कर उन्हें देश से भगाया जा रहा है। मार्क्स ने कहा था कि पूंजी का मतलब विकास, उत्पादन, निवेश, रोजगार नहीं होता। यह सिर्फ पूंजीपतियों के लिए मुनाफा होता है। आज यह सच साबित हो रहा है। मोदी राज में पूंजीपतियों को लूट-खसोट करने और अपनी मर्जी से विदेश भाग जाने की खुली छूट मिली हुई है। मुट्ठी भर पूंजीपतियों का राज है और बाकी किसी के लिए कोई जगह नहीं है।

योगी सरकार की आलोचना करते हुए दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि यूपी में गुजरात की तर्ज पर एनकाउंटर राज चल रहा है और सरकार खुद इसका विज्ञापन कर रही है। पिछड़ों, दलितों, अकलियतों को फर्जी मुठभेड़ में मारने के बाद एप्पल के मैनेजर को मार दिया जाता है। योगी राज में कोई सुरक्षित नहीं है। हमें समझना होगा कि दलितों ,अकलियतों, पिछड़ों, महिलाओं को अपमान, असुरक्षा में रखकर देश को सुरक्षित नहीं रख जा सकता। भाजपा-आरएसएस को मनुवादियों, ब्राह्मणवादी ताकतों का संरक्षक बताते हुए माले महासचिव ने कहा कि इनके राज में प्रतिक्रियावादी ताकतों का दबदबा बढ़ है। मोदी-योगी इन्हीं ताकतों का चेहरा है।

उन्होंने कहा कि आरएसएस -भाजपा की हिंदुस्तान की समझ संकीर्ण है। ये दक्षिण भारत को नहीं समझते, उत्तर पूर्व को नहीं समझते, दलितों, आदिवासियों और देश की जनता की अकांक्षाओं, जरूरतों को नहीं समझते।

दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि 2014 में हुए हादसे को खत्म कर देने का समय आ गया है। इसके लिए समाज को संगठित करना होगा। लोकतंत्र की बिखरी ताकतों को एकजुट कर जनता का भारत बनाने, अम्बेडकर-भगत सिंह के सपनों का भारत बनाने, लोकतंत्र को मजबूत और व्यापक बनाने की लड़ाई को आगे बढ़ना होगा। आज नईं ताकतें नई सोच के के  साथ आ रही हैं जो नए भारत के वास्ते, अम्बेडकर-भगत सिंह के रास्ते पर चलते हुए संघर्ष को मजबूत बना रही हैं। दलित आंदोलन में नया दौर आ गया है। कम्युनिस्ट-सामाजिक आंदोलन का नया उभार हो रहा है। इस नए भारत को बनाने की लड़ाई में जमीन, रोजगार, हमारी जिंदगी के सवाल, स्वाभिमान, सम्मान के सवाल शामिल हैं। नया हिंदुस्तान बनाने का सपना मजदूरों, किसानों, लाल झंडा के सिपाहियों, अम्बेडकर-भगत सिंह के वारिसों के पास है। हम हिंदुस्तान को नागपुर की प्रयोगशाला नहीं बनने देंगे। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।

खुले सत्र को संबोधित करते हुए भाकपा माले की सेंट्रल कमेटी की सदस्य कामरेड कृष्णा अधिकारी ने पीलीभीत, उधमसिंह नगर, लखीमपुर खीरी सहित पूरे तराई के इलाके में रिजर्व फारेस्ट, बफर जोन के नाम पर सैकड़ों गांवों को उजाड़ने, गरीब ग्रामीणों को उत्पीड़ित करने, पुनर्वासित परिवारों को उजाड़ने, नागरिकता को लेकर उठाये जा रहे सवालों पर विस्तार से बात रखी।

स्वागत वक्तव्य बार एसोसिएशन के अध्यक्ष किशन लाल ने दिया। सम्मेलन को अजय शमसा ने भी संबोधित किया। अध्यक्षता भाकपा माले के वरिष्ठ नेता अलाउद्दीन शास्त्री ने की। इस मौके पर पार्टी के पोलित ब्यूरो के सदस्य स्वदेश भट्टाचार्य, पार्टी के उत्तर प्रदेश के प्रभारी एवं सेंट्रल कमेटी के सदस्य रामजी राय, राजेन्द्र प्रथोली, मोहम्मद सलीम, यूपी के राज्य सचिव सुधाकर यादव, वरिष्ठ नेता जय प्रकाश नारायण आदि उपस्थित थे। संचालन देवाशीष ने किया।

इसके पहले वरिष्ठ नेता कामरेड अलाउद्दीन शास्त्री ने पार्टी का झंडा फहराया। इसके बाद शहीद वेदी पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण किया। इस मौके पर पीलीभीत स्टेशन से सम्मेलन स्थल तक पार्टी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली।

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