समकालीन जनमत

Tag : कविता का लोकतंत्र

पुस्तक

अवधेश त्रिपाठी की आलोचना पद्धति में लोकतंत्र के मूल्य प्राण की तरह है

दुर्गा सिंह
  किसी भी आलोचक के लिए जरूरी होता है, कि वह बाह्य जगत के सत्य और रचना के सत्य से बराबर-बराबर गुजरे। आलोचना के लिए...
जनमतपुस्तक

‘बड़ी कविता को वक्त के सवालों और सन्दर्भों से जोड़कर उसका एक नया पाठ करना होगा’

योगेंद्र आहूजा
अवधेश त्रिपाठी की इस आलोचना पुस्तक में हिंदी की आधुनिक कविता के पांच प्रमुख कवियों के कृतित्व की विवेचना है । वे हमारे देश के...
पुस्तकसाहित्य-संस्कृति

अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक ‘कविता का लोकतंत्र’ पर परिचर्चा

समकालीन जनमत
अनुपम सिंह जन संस्कृति मंच की घरेलू गोष्ठी में अवधेश त्रिपाठी की पुस्तक “कविता का लोकतंत्र” पर परिचर्चा संपन्न हुई . यह परिचर्चा दिनांक 21...
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