क़ैद ए हयात ओ बंद ए ग़म अस्ल में दोनों एक हैं …
कोरोना डायरी : लॉकडाउन-1 : नीलिशा [युवा पत्रकार नीलिशा दिल्ली में रहती हैं और इस भयावह वक़्त का दस्तावेज़ीकरण वे कोरोना डायरी नाम से कर रही हैं। समकालीन जनमत इस रोजनामचे को क्रमशः प्रकाशित करेगा। प्रस्तुत है पहली किस्त।] सर्वव्यापी महामारी के रूप COVID-19 (कोरोना) मानव इतिहास की एक अनूठी घटना है। अनूठी इस लिहाज से कि इस महामारी के निपटने के लिए विश्व के तकरीबन सभी देशों ने एकजुटता के साथ एक जैसे प्रयास किए गए। विश्व के 172 से अधिक देशों में कोरोना से बचाव के लिए पूर्ण अथवा आंशिक रूप से क्वारेन्टाइन (संगरोध) और लॉकडाउन (पूर्णबंदी) की … Continue reading क़ैद ए हयात ओ बंद ए ग़म अस्ल में दोनों एक हैं …
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